हिंदी सिनेमा को विनोद खन्ना जैसा हीरो देने वाले निर्माता-निर्देशक शिव कुमार खुराना का मुंबई में निधन हो गया. बीती 25 अक्टूबर को उन्होंने यहां ब्रह्मकुमारी अस्पताल में अंतिम सांस ली. वह 83 वर्ष के थे और बीमारियों से जूझ रहे थे. पत्नी और दो बेटे उनके परिवार में हैं. शिव कुमार खुराना फिल्मों में सिर्फ शिव कुमार नाम से प्रसिद्ध थे और फिल्मों में निर्माता-निर्देशक के रूप में उनका करियर 35 वर्षों के करीब था. 1965 में टार्जन और सर्कस नाम की पहली फिल्म निर्देशत करने वाले शिव कुमार ने आखिरी फिल्म 1999 में जालसाज बनाई थी. उन्होंने अपने दौर के तमाम प्रसिद्ध कलाकारों को अपनी फिल्मों में लिया. जिनमें अशोक कुमार, संजीव कुमार, फिरोज खान, शेख मुख्तियार, हेलन, जॉय मुखर्जी, विनोद मेहरा, जरीना वहाब, कमल सदाना से लेकर कादर खान, सदाशिव अमरापुरकर, रजा मुराद और अनुपम खेर तक शामिल हैं.
आज भी फेमस है गाना
तमाम चर्चित एक्टरों के साथ फिल्में बनाने के बीच शिव कुमार को ऐसे निर्माता-निर्देशक के रूप में सबसे ज्यादा याद किया जाता है, जिसने विनोद खन्ना जैसे अभिनेता को सबसे पहले अपनी फिल्म में हीरो बनाया. विनोद खन्ना भले ही सुनील दत्त की होम प्रोडक्शन फिल्म मन का मीत (1968) में लॉन्च हुए थे, मगर वह खलनायक का रोल था. इसके बाद विनोद खन्ना को फिल्मों में नेगेटिव रोल ही ऑफर हो रहे थे परंतु शिव कुमार खुराना पहले फिल्म मेकर थे, जिन्होंने विनोद खन्ना के अंदर छुपे हीरो को देखा और अपनी फिल्म हम तुम और वो (1971) के लिए बतौर नायक साइन किया. इस फिल्म में विनोद खन्ना पर फिल्माया शुद्ध हिंदी गाना, प्रिये प्राणेश्वरी हृदयेश्वरी… आज भी देखा-सुना जाता है. इसे किशोर कुमार ने अपने अंदाज में गाया था. यह अलग बात है कि फिल्म हम तुम और वो से पहले विनोद खन्ना की गुलजार के निर्देशन में बनी मेरे अपने (1971) रिलीज हुई थी, जिसमें भी विनोद खन्ना पॉजिटिव रोल में थे.
विंदु दारासिंह को किया लॉन्च
शिव कुमार ने डेढ़ दर्जन से भी ज्यादा फिल्मों का निर्देशन किया. उन्होंने बतौर निर्माता भी तीन फिल्में बनाईं. उन्होंने ही पहलवान-एक्टर दारासिंह के बेटे विंदु दारासिंह को बॉलीवुड में फिल्म करण (1994) में लॉन्च किया था. शिव कुमार की पहचान फिल्म इंडस्ट्री में एक सज्जन व्यक्ति की रही है, जिनका सभी से अच्छा व्यवहार था.