उत्तराखंड

Dehradun: बाबी पंवार की रिहाई पर थोड़ी देर में सुनाया जाएगा फैसला

देहरादून: उत्तराखंड बेरोजगार संघ के अध्यक्ष बाबी पंवार की रिहाई की कवायद अब कोर्ट से निकलकर सड़कों पर दिखाई देने लगी है। देहरादून कचहरी के समीप शहीद स्मारक पर बुधवार को कुछ बेरोजगार छात्र पहुंचे, जिनके हाथों में ‘मैं भी बॉबी पंवार’ की तख्तियां दिखाई दे रही थी। यह छात्र सीबीआई जांच की मांग भी कर रहे हैं। बताते चलें कि मंगलवार को अभियोजन पक्ष द्वारा मुकदमे से जुड़े दस्तावेज पेश नहीं कर पाने के कारण बाबी पंवार व अन्य छह आरोपितों की जमानत याचिका पर फैसला नहीं सका था। आज फिर इस मामले की सुनवाई हो रही है।

आज की सुनवाई के दौरान सभी आरोपितों पर जानलेवा हमले की धारा 307 लगाने और छ आरोपितों की जमानत रद्द करने की याचिका पर बहस हुई। पुलिस की तरफ से कोर्ट में घायल पुलिस कर्मियों के मेडिकल रिपोर्ट पेश की गई और जानलेवा हमले का तर्क दिया गया। बचाव ने अभियोजन पक्ष की इस दलील का विरोध करते हुए इस रिपोर्ट पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि अगर पुलिसकर्मी घायल थे तो अधिकारियों ने बाद में उनसे ड्यूटी क्यों कराई।

इसके बाद छह आरोपियों की जमानत रद्द करने पर कोर्ट में जोरदार बहस हुई। अभियोजन ने बताया कि बेल बॉन्ड न भरने को अपना आधार बताया। इसके बचाव में पहला ऑर्डर जारी रखने की अपील की गई। कोर्ट ने जमानत समेत सभी याचिका पर लंच के बाद 2.30 बजे फैसला सुनाने का निर्णय लिया है।

पुलिस ने पथराव करने वाले 10 उपद्रवियों को किया चिह्नित

भर्ती परीक्षा में धांधली की सीबीआइ जांच की मांग को लेकर हुए उपद्रव और पथराव मामले में पुलिस ने दस पत्थरबाजों को चिह्नित कर लिया है। इनकी जल्द गिरफ्तारी हो सकती है। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक दलीप सिंह कुंवर ने बताया कि नौ फरवरी को कुछ उपद्रवियों ने पुलिस पर पथराव कर दिया था, जिसके कारण कई पुलिसकर्मी घायल हो गए। इस मामले में शहर कोतवाली में अज्ञात उपद्रवियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है।

विवेचना के दौरान पुलिस टीम ने अब तक पथराव की घटना में शामिल 10 पत्थरबाजों को चिह्नित कर लिया है। यह उपद्रवी वह हैं, जो वीडियो फुटेज में पत्थर फेंकते नजर आ रहे हैं। साथ ही पुलिस पर पथराव करने वाले उपद्रवियों को वित्तीय सहायता प्रदान करने वाले एक संदिग्ध खाते को फ्रीज किया गया है। उनको वित्तीय सहायता करने वाले व्यक्तियों व संगठनों को चिह्नित कर लगातार कार्रवाई की जा रही है। इसके अलावा इंटरनेट मीडिया पर भ्रामक सूचना फैलाने वाले व्यक्तियों की लगातार निगरानी की जा रही है।

उन्होंने बताया कि पथराव करने वाले उपद्रवियों के पोस्टर भी जल्द शहर में चिपकाए जाएंगे। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने बताया कि इसमें कुछ कोचिंग सेंटर की भूमिका भी सामने आ रही है। पत्थरबाजी व उपद्रव करने वालों में कई ऐसे भी हैं, जिनका उत्तराखंड बेरोजगार संघ से कोई संबंध नहीं है। उन्होंने बताया कि यदि इस मामले में पुलिस की भी किसी तरह लापरवाही सामने आती है तो उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी।

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