मकान को अपने नाम कराने के लिए पुत्री और दामाद ने की महिला की हत्या, आजीवन कारावास की सजा

वाराणसी। अपर सत्र न्यायाधीश/एफटीसी कुलदीप सिंह-II की अदालत ने शिवदासपुर की लालता देवी की हत्या में उनकी दत्तक पुत्री और उसके पति को दोषी पाया है। अदालत ने सोमवार को हिना उर्फ प्रिया त्रिपाठी और उसके पति राहुल उर्फ रंजन त्रिपाठी को सश्रम आजीवन कारावास की सजा और 50-50 हजार रुपये के अर्थदंड से दंडित किया है।
बिहार के कैमूर भभुआ के जलालपुर निवासी विजय राम ने मंडुवाडीह थाने में मुकदमा दर्ज कराया था। विजय राम के अनुसार शिवदासपुर में रहने वाली लालता देवी उसकी बहन थी। लालता देवी के साथ उनकी गोद ली हुई पुत्री हिना अपने पति राहुल के साथ रहती थी। 23 मार्च 2021 को वह अपना इलाज कराने बीएचयू अस्पताल आया था। अस्पताल से निकलने के बाद वह अपनी बहन के घर गया। घर के बाहर हिना और राहुल बैठे हुए थे। हिना से उसने पूछा कि लालता कहां है तो वह बताई कि बिजली का बिल जमा करने गई हैं।
लगभग एक घंटे के इंतजार के बाद भी उसकी बहन नहीं आई तो आसपास के लोगों से पूछा। इसके बावजूद उसकी बहन का पता नहीं लगा। फिर वह अपनी बहन के घर के अंदर गया और छत की सीढ़ी से नीचे उतरने लगा। उसी दौरान उसने देखा कि घर से उत्तर दिशा में एक गड्ढे में रस्सी से बांध कर कंबल से लपेट कर एक शव फेंका है। वह नजदीक जाकर देखा तो पता लगा कि शव उसकी बहन का है। उसकी बहन का गला रस्सी से कसकर सिर पर वजनी वस्तु से वार कर हत्या की गई थी।
विजय राम ने अदालत में बयान दिया कि शिवदासपुर स्थित जिस मकान में उसकी बहन रहती थी, वह उसके नाम था। उसी मकान को अपने नाम कराने के लिए हिना और राहुल उसकी बहन पर दबाव बनाते थे। इसे लेकर कई बार उसके सामने भी उसकी बहन से हिना और राहुल ने विवाद किया था। विजय राम के अनुसार मकान के लालच में ही लालता देवी की हत्या हिना और राहुल ने की थी।