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क्रिसिल ने GDP वृद्धि का अनुमान घटाकर किया 7.3 फीसद

मुंबई: घरेलू रेटिंग एजेंसी क्रिसिल ने शुक्रवार को भारत की आर्थिक वृद्धि दर के अनुमान को घटा दिया। क्रिसिल ने वित्त वर्ष 2022-23 के लिए वास्तविक सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर के अनुमान को 7.8 प्रतिशत से घटाकर 7.3 प्रतिशत कर दिया।

रेटिंग एजेंसी ने कहा कि तेल की ऊंची कीमतों, निर्यात मांग में कमी और उच्च मुद्रास्फीति के कारण पूर्वानुमान को घटाया गया।

IFrameक्रिसिल ने कहा कि जिंस कीमतों में तेजी, माल ढुलाई की लागत बढ़ने, वैश्विक वृद्धि अनुमान कम होने से अर्थव्यवस्था पर दबाव बना है। इसके अलावा मांग पक्ष को बढ़ाने वाला सबसे बड़ा कारक निजी निवेश भी कमजोर बना हुआ है।

रेटिंग एजेंसी ने अपने वृद्धि अनुमानों को घटाते हुए कहा, ‘‘उम्मीद की किरण सिर्फ संपर्क-गहन सेवाओं में वृद्धि और अच्छे मानसून से है।’’

एजेंसी ने कहा कि उच्च मुद्रास्फीति क्रय शक्ति को कम करती है और खपत को प्रभावित करती है। खपत जीडीपी का सबसे बड़ा घटक है, और पिछले कुछ समय से कमजोर है।

एजेंसी ने यह भी कहा कि ऊंची जिंस कीमतों, धीमी वैश्विक वृद्धि और आपूर्ति श्रृंखला में बाधा से चालू खाता प्रभावित होगा। अनुमान है कि चालू खाता घाटा वित्त वर्ष 2022-23 में बढ़कर सकल घरेलू उत्पाद का तीन प्रतिशत हो जाएगा, जो 2021-22 में 1.2 प्रतिशत था।

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