अमित शाह के फेक वीडियो बनवाने और साजिश में शामिल कांग्रेस नेताओं की हुई पहचान, कभी भी गिरफ्तार कर सकती है दिल्ली पुलिस
नई दिल्ली। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के फेक वीडियो को इंटरनेट मीडिया पर प्रसारित करने के मामले में दिल्ली पुलिस ने वीडियो बनवाने व साजिश में शामिल कांग्रेस के नेताओं व कार्यकर्ताओं की पहचान कर ली है। दिल्ली पुलिस अब तेलंगाना में चुनाव से पहले अथवा चुनाव के तुरंत बाद उन्हें गिरफ्तार कर सकती है।
इस मामले में गिरफ्तार किए गए तेलंगाना कांग्रेस की इंटरनेट मीडिया टीम के राष्ट्रीय समन्वयक अरुण बी रेड्डी के मोबाइल व लैपटॉप की जांच उससे लंबी पूछताछ में दिल्ली पुलिस को काफी सुबूत मिल चुके हैं। पुलिस को शक है कि इसी ने फेक वीडियो बनाया था। एफएसएल की रिपोर्ट आने पर इसकी पुष्टि हो जाएगी।
दिल्ली पुलिस की टीम हैदराबाद में मौजूद
दिल्ली पुलिस की 10 सदस्यीय दो टीम बीते 28 अप्रैल से हैदराबाद में ही डेरा डाले हुए है। पुलिस वहां कई बार कांग्रेस कार्यालय जाकर जांच पड़ताल कर चुकी है। वहां मौजूद नेताओं व अन्य से पूछताछ कर चुकी है। माना जा रहा है कि दिल्ली पुलिस इस मामले में पर्याप्त सुबूत जुटा चुकी है।
कभी भी हो सकती है गिरफ्तारी
ऐसे में दिल्ली पुलिस अब कभी भी फेक वीडियो बनाने व भाजपा को लोक सभा चुनाव में नुकसान पहुंचाने के मकसद से इंटरनेट मीडिया पर प्रसारित करने के आपराधिक मामले में शामिल आरोपितों को गिरफ्तार कर सकती है।
पुलिस बयान देने से बच रही
हाई प्रोफाइल मामला होने के कारण पुलिस के आला अधिकारी इस मसले पर कोई भी औपचारिक बयान देने से बच रहे हैं। अरुण रेड्डी की तीन दिन की रिमांड समाप्त होने पर पुलिस ने उसे सोमवार को पटियाला हाउस कोर्ट में पेश कर 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजने का अनुरोध किया था। लेकिन रेड्डी के अधिवक्ता द्वारा जमानत की मांग करते हुए आवेदन दायर करने पर अदालत ने जांच अधिकारी को जवाब दाखिल करने का निर्देश देते हुए रेड्डी को एक दिन के लिए जेल भेज दिया था।
भाजपा को नुकसान पहुंचाना था मकसद
मंगलवार को कोर्ट में पेश कर दोबारा उसे दो दिन की रिमांड पर लिया गया। पुलिस अधिकारी का कहना है कि जांच से अब साफ हो गया है कि चुनाव में भाजपा को नुकसान पहुंचाने के मकसद से फेक वीडियो बनाकर इंटरनेट मीडिया पर प्रसारित किया गया।
प्रारंभिक जांच के बाद इसलिए स्पेशल सेल की इंटेलिजेंस फ्यूजन एंड स्ट्रैटेजिक आपरेशंस (आईएफएसओ) ने मुकदमे में आपराधिक साजिश रचने की धारा जोड़ दी थी। उधर तेलंगाना कांग्रेस के प्रदेश सचिव शिवा शंकर, पार्टी प्रवक्ता आसमा तस्लीम, इंटरनेट मीडिया प्रभारी माने सतीश व इंटरनेट मीडिया कन्वेनर नवीन को जांच में शामिल होने के लिए दोबारा नोटिस देने के बावजूद वे जांच में शामिल होने दिल्ली नहीं पहुंचे। पुलिस अब इन्हें तीसरा नोटिस देने पर भी विचार कर रही है।