मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से संसद भवन नई दिल्ली में शिष्टाचार भेंट की। इस दौरान मुख्यमंत्री ने केंद्रीय गृह मंत्री से अंतर्राष्ट्रीय सीमाओं के जनपदों में हिम प्रहरी योजना लागू किये जाने में केंद्र से सहयोग का अनुरोध किया। सीएम ने मुलाकात के बाद यूनिफॉर्म सिविल कोड को लेकर भी बयान दिया।।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड सरकार द्वारा अंतर्राष्ट्रीय सीमाओं के जनपदों (उत्तरकाशी, चमोली, पिथौरागढ़, चम्पावत और ऊधम सिंह नगर के खटीमा) के ग्रामों से हो रहे पलायन को रोकने, दैवीय आपदा में राहत व बचाव कार्यों के लिये पुलिस, आईटीबीपी व एसएसबी के सहयोग से सीमा रक्षक दल/ हिम प्रहरी दलों का गठन किया जाना प्रस्तावित है।
उक्त दल में सम्मिलित व्यक्तियों को प्रोत्साहन भत्ते के रूप में मानदेय प्रस्तावित है। इस पर लगभग 5 करोड़ 45 लाख रूपए का व्यय भार अनुमानित है। इसमें केंद्र का सहयोग निवेदित है। धामी ने राज्य पुलिस को और अधिक प्रभावी व आधुनिक बनाए जाने के लिये राज्य पुलिस बल आधुनिकीकरण योजना में प्रति वर्ष 20 से 25 करोड़ रुपये का बजट स्वीकृत किये जाने का आग्रह किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अपराध से पीड़ित महिलाओं के राहत व पुनर्वास के लिये निर्भया फंड बहुत महत्वपूर्ण है। राज्य सरकार द्वारा निर्भया फंड के लिये केंद्र से 25 करोड़ रूपए का प्रस्ताव प्रषिक किया गया है। उन्होंने उक्त प्रस्ताव को जल्द स्वीकृत किये जाने का भी अनुरोध किया। भारत सरकार के वित्त मंत्रालय द्वारा पूंजीगत निवेश के लिए राज्यों को वित्तीय सहायता की योजना’ के तहत उत्तराखंड के लिये 527 करोड़ रुपये स्वीकृत किये गये हैं। इस मद में पूर्व में 365 करोड़ की राशि अवमुक्त की गई थी। अब शेष 162 करोड रुपये की राशि भी अवमुक्त कर दी गई है। इस प्रकार भारत सरकार द्वारा पूरी धनराशि 527 करोड़ अवमुक्त कर दी गई है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने महत्वपूर्ण वित्तीय स्वीकृतियों के लिये प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन और केंद्र सरकार के सहयोग से उत्तराखंड विकास पथ की ओर अग्रसर है। इसके अलावा उन्होंने कहा कि समान नागरिक संहिता को लागू करना संविधान निर्माताओं के सपनों को पूरा करने की दिशा में अहम कदम होगा। इस कानून का दायरा सभी नागरिकों के लिए समान रूप से होगा, चाहे वे किसी भी धर्म में विश्वास रखते हों। यह संविधान की भावना को मूर्त रूप देगा। उन्होंने कहा कि मामले में न्यायविदों, सेवानिवृत्त जज, समाज के प्रबुद्धजनों और अन्य स्टेकहोल्डर की एक कमेटी गठित होगी। कमेटी समान नागरिक संहिता का ड्राफ्ट तैयार करेगी।