हरियाणा

संविधान बनाने के चुनौतीपूर्ण कार्य में बाबा साहेब भीमराव अम्बेडकर का महान योगदान है- मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी

मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कुरुक्षेत्र के प्रांगण में आयोजित संविधान दिवस समारोह को किया संबोधित 

कुरुक्षेत्र।  मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने आज कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय, कुरुक्षेत्र के प्रांगण में आयोजित संविधान दिवस समारोह को संबोधित किया। इससे पहले मुख्यमंत्री ने संविधान दिवस समारोह के अवसर पर सूचना जनसंपर्क, भाषा एवं सस्कृति विभाग द्वारा लगाई गई प्रदर्शनी का उद्घाटन किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार संविधान की मूल भावना के अनुरूप अपनी प्रगतिशील सामाजिक और आर्थिक नीतियों एवं कार्यक्रमों के माध्यम से प्रजातांत्रिक सिद्धांतों को निरन्तर आगे बढ़ाने का काम कर रही है। सरकार सबका साथ-सबका विकास, सबका प्रयास और सबका विश्वास की धारणा पर चलते हुए आधुनिक भारत के महान दार्शनिक और राजनीतिज्ञ पंडित दीनदयाल उपाध्याय के एकात्म मानव दर्शन एवं अंत्योदय के विजन को साकार करने के लिए प्रतिबद्ध है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आज हम सबके लिए विशेष गर्व और गौरव का दिन है। पूरे देश में आज संविधान का अमृत महोत्सव मनाया जा रहा है। 26 नवम्बर, 1949 के दिन देश की संविधान सभा ने संविधान को अपनाया था। यही वह दिन है जब संविधान बनकर तैयार हुआ था। संविधान दिवस का मतलब देश के नागरिकों में संवैधानिक मूल्यों के प्रति सम्मान की भावना को बढ़ाना है।

प्रधानमंत्री ने जम्मू एवं कश्मीर से धारा-370 व 35-ए हटाकर अखण्ड भारत के अधूरे सपने को पूरा किया
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज देश प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में मदर ऑफ डेमोक्रेसी के रूप में अपने प्राचीन आदर्शों और संविधान की भावना को लगातार मजबूत कर रहा है। आज खेल हो या स्टार्टअप्स, इनफोर्मेशन टैक्नोलॉजी हो या डिजिटल पेमेंट्स, भारत के विकास के हर आयाम में युवा शक्ति अपना परचम लहरा रही है। हमारे संविधान और संस्थाओं के भविष्य की जिम्मेदारी भी हमारे युवाओं के कंधों पर ही है। आज के युवाओं में संविधान की समझ और बढ़े, इसके लिए जरूरी है कि वे संवैधानिक विषयों पर चर्चा का हिस्सा बनें। इससे युवाओं में कर्तव्य, समानता और अधिकार जैसे विषयों को समझने का विजन पैदा होगा।

उन्होंने कहा कि लौहपुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल ने रियासतों का एकीकरण करके स्वतंत्रता सेनानियों के अखण्ड भारत का सपना साकार किया था। उसी प्रकार, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जम्मू एवं कश्मीर से धारा-370 व 35-ए हटाकर अखण्ड भारत के अधूरे सपने को पूरा किया है। यह संविधान शिल्पी भारत रत्न बाबा साहेब डॉ. भीमराव अम्बेडकर, सरदार वल्लभ भाई पटेल व डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि है। इससे एक विधान, एक निशान, एक संविधान और एक प्रधान का सपना साकार हुआ है।

संविधान ने विविधताओं से भरे इस देश को एकता के सूत्र में पिरोया
नायब सैनी ने कहा कि गणराज्यों के रूप में स्वशासन हमारी प्राचीन परम्परा है। इसी स्वशासन को ही पाने के लिए हमने लम्बे समय तक आजादी की लड़ाई लड़ी। रावी नदी के किनारे ली गई प्रतिज्ञा को हमने आज के दिन वर्ष 1949 में गणतंत्र की स्थापना करने वाले संविधान को अंगीकार करके पूरा किया। इस संविधान ने समानता, न्याय और ऊंचे आदर्शों वाला गणतंत्र स्थापित किया। साथ ही सभी को विचारों की आजादी और उन्नति के समान अवसर दिए। संविधान ने ही हमें स्वशासन देने के साथ ही विविधताओं से भरे इस देश को एकता के सूत्र में पिरो दिया।

आज हम संविधान दिवस पर संविधान के प्रति अपनी सच्ची निष्ठा व्यक्त करने और इसके अनुरूप आवरण करने का संकल्प लेने के लिए यहां इकट्ठे हुए हैं। इस संकल्प की शुरुआत प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वर्ष 2015 में संविधान निर्माता भारत रत्न बाबा साहेब डॉ. भीमराव अम्बेडकर की 125वीं जयंती पर उनके प्रति कृतज्ञता व्यक्त करने के लिए संविधान दिवस मनाने की घोषणा की थी।

उन्होंने कहा कि संविधान बनाने के चुनौतीपूर्ण कार्य में बाबा साहेब भीमराव अम्बेडकर का महान योगदान है। संविधान में जहां अधिकारों का उल्लेख है, वहीं कर्तव्यों का भी वर्णन किया गया है। हमें कर्तव्यों और अधिकारों में संतुलन स्थापित करना होगा। उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी कहते थे कि हमारे अधिकार हमारे कर्तव्य हैं, जिन्हें हम सच्ची ईमानदारी और समर्पण के साथ पूरा करते हैं। आज संविधान के अमृत महोत्सव में गांधी जी का यह मंत्र देश के लिए एक संकल्प बन रहा है।

उन्होंने कहा कि संविधान का अमृत महोत्सव हमारे लिए आत्म-चिंतन करने का अवसर भी है। संविधान के तहत कार्य करने वाली सभी संस्थाओं को आज आत्म-चिंतन करना चाहिए कि वे संविधान की मर्यादाओं का पालन करने में और संविधान की अपेक्षाओं को पूरा करने में कहां तक सफल रही हैं। संविधान का अमृत महोत्सव मनाने का लक्ष्य भी यही है कि हम कर्तव्य और अधिकारों को समझें। इन्हें समझकर जीवन में अपनाएंगे, तो यह संविधान के प्रति हमारी सही समझ का प्रतीक तो होगा ही, साथ ही सच्चे नागरिक बनने का प्रमाण भी होगा। मुख्यमंत्री ने विभिन्न प्रतियोगिताओं के विजेता विद्यार्थियों को भी सम्मानित किया। इसके अलावा, मुख्यमंत्री ने समारोह में उपस्थितजनों को संविधान की प्रस्तावना का संकल्प भी दिलाया।

दुनिया का सबसे बड़ा लिखित संविधान- कश्मीरी लाल
इस अवसर पर मुख्य वक्ता कश्मीरी लाल ने कहा कि भारत का संविधान दुनिया का सबसे बड़ा लिखित संविधान है। भारत देश में एक आदिवासी या किसी अमीर आदमी के वोट की कीमत एक है तो वो इस संविधान के कारण ही है। दुनिया के 17 देशों का संविधान भारत के संविधान के बाद बना और उन सब में एक से ज्यादा बार संवैधानिक संकट आए, मुश्किलें आईं, लेकिन केवल एक भारत का संविधान है जहाँ संवैधानिक संकट नहीं आया।

उन्होंने कहा कि वर्ष 2015 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहली बार संविधान दिवस मनाने का निर्णय लिया और तब से हर वर्ष इस दिवस को मनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस देश में संविधान की हत्या का प्रयास कभी नहीं हुआ। केवल 1975 में सभी ने देखा कि जब इंदिरा गाँधी ने आपातकाल घोषित किया था। लोगों को जेलों में डाल दिया गया। उसके बाद लोगों को नसीहत आ गई कि संविधान से छेड़छाड़ नहीं करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि आज के दिन विद्यार्थियों को संविधान और देश की रक्षा करने का प्रण लेना चाहिए।

भारतीय संविधान सांस्कृतिक, ऐतिहासिक और कलात्मक धरोहर का एक अद्वितीय प्रतीक – प्रो. सचदेवा
कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा ने कहा कि हमारे संविधान में जो अद्भुत आर्ट वर्क है, उससे पता चलता है कि भारतीय संविधान न केवल शासन का आधार है बल्कि भारत की सांस्कृतिक, ऐतिहासिक, पौराणिक विरासत और कलात्मक धरोहर का भी एक अद्वितीय प्रतीक है। उन्होंन कहा कि यह केवल एक दस्तावेज नहीं है बल्कि ये हमारे राष्ट्र की आत्मा है। यह उन मूलभूत अधिकारों और कर्तव्यों का प्रतीक है जो प्रत्येक नागरिक को स्वतंत्रता, समानता और न्याय का अधिकार प्रदान करते हैं। यह दुनिया का सबसे बड़ा लिखित संविधान है।

करनाल में संविधान दिवस पर कार्यक्रम का आयोजन, हरियाणा विधानसभा अध्यक्ष ने किया संबोधित
करनाल के डॉ. मंगलसेन सभागार में रविवार, 26 नवंबर को संविधान दिवस के अवसर पर एक भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया। हरियाणा विधानसभा अध्यक्ष हरविंद्र कल्याण ने मुख्य अतिथि के रूप में इस कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई। उनके साथ करनाल के विधायक जगमोहन आनंद, असंध के विधायक योगेंद्र राणा, जिला कार्यकारी अध्यक्ष बृज गुप्ता और पूर्व महापौर रेनू बाला गुप्ता भी उपस्थित रहीं।

कार्यक्रम की शुरुआत हरियाणा विधानसभा अध्यक्ष हरविंद्र कल्याण ने दीप प्रज्ज्वलित कर की। करनाल उपायुक्त उत्तम सिंह ने इस अवसर पर संविधान के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि 26 नवंबर 1949 को भारत की संविधान सभा ने देश के संविधान को अंगीकार किया था, जो 26 जनवरी 1950 को लागू हुआ। उन्होंने इसे संविधान निर्माता डॉ. भीमराव अंबेडकर और संविधान सभा के अन्य सदस्यों के योगदान को सम्मानित करने का दिन बताया।

संस्कृति और सम्मान का संगम
राजकीय कन्या विद्यालय की छात्राओं ने सांस्कृतिक प्रस्तुतियों के माध्यम से संविधान के मूल्यों और महत्व को रेखांकित किया। इसके अलावा, जिला शिक्षा विभाग द्वारा आयोजित प्रतियोगिताओं में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले छात्रों को हरियाणा विधानसभा अध्यक्ष हरविंद्र कल्याण ने स्मृति चिन्ह और आशीर्वाद देकर सम्मानित किया।

विधानसभा अध्यक्ष हरविंद्र कल्याण ने अपने संबोधन में बताया कि भारत के संविधान को “अद्भुत और अनुकरणीय” बताया। उन्होंने कहा कि संविधान के तहत बने कानून ही हमारे राष्ट्र की व्यवस्था को मजबूत बनाए हुए हैं। हर नागरिक का कर्तव्य है कि वह संविधान में निहित नियमों का पालन करे और अपने अधिकारों और कर्तव्यों के प्रति जागरूक रहे।

कैथल में आरकेएसडी कॉलेज में किया संविधान दिवस समारोह का आयोजन
हरियाणा के विकास एवं पंचायत तथा खनन एवं भू-विज्ञान मंत्री कृष्ण लाल पंवार ने कहा कि संविधान-सभा ने संविधान अपनाए हुए आज 75 वर्ष पूरे हो गए हैं। इस बार देश में हमारा संविधान-हमारा स्वाभिमान अभियान शुरू किया गया है। संविधान में ही देश के सिद्धांत और उसको चलाने के तौर तरीके होते हैं। संविधान ही है जो हमें एक आजाद देश का आजाद नागरिक की भावना का अहसास करवाता है।

जहां संविधान में दिए मौलिक अधिकार हमारी ढाल बनकर हमें हमारा हक दिलाते हैं, वहीं इसमें दिए मौलिक कर्तव्य हमें हमारी जिम्मेदारी की याद दिलाते हैं। हरियाणा के विकास एवं पंचायत तथा खनन एवं भू-विज्ञान मंत्री कृष्ण लाल पंवार मंगलवार को आरकेएसडी कॉलेज के हॉल में भगवान महर्षि वाल्मीकि संस्कृत विश्वविद्यालय के संयोजन में आयोजित संविधान दिवस समारोह को बतौर मुख्यातिथि संबोधित कर रहे थे।

कार्यक्रम की अध्यक्षता संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. रमेश चंद्र भारद्वाज ने की। वहीं, पूंडरी विधायक सतपाल जांबा ने विशिष्ट अतिथि के रूप में शिरकत की। कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्ज्वलित करके किया गया। मंत्री कृष्ण लाल पंवार ने कहा कि आज बेहद गर्व का दिन है। क्योंकि 26 नवंबर, 1949 को संविधान को अपनाया गया था। इसके बाद 26 जनवरी, 1950 को संविधान लागू हुआ। उन्होंने कहा कि कोई भी देश बिना संविधान के नहीं चल सकता। सरकार द्वारा संविधान-दिवस मनाने का मकसद देश के नागरिकों में कानून के प्रति सम्मान और आदर की भावना को बढ़ाना है।

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