मकान बेचने का विरोध करने पर पत्नी के सिर पर कुल्हाड़ी मारकर की हत्या, मुकदमा दर्ज
कानपुर। मकान बेचने का विरोध करने पर 62 वर्षीय प्रहलाद ने 55 वर्षीय पत्नी शशि के सिर पर कुल्हाड़ी मारकर उसकी हत्या कर दी। मामला गुजैनी थाना क्षेत्र के पिपौरी गांव का है। हत्या करने के बाद आरोपी पति नजदीक ही स्थित रेलवे ट्रैक पर घायल अवस्था में मिला। पुलिस ने उसे अस्पताल में भर्ती कराया है। एडीसीपी साउथ मनोज कुमार पांडे ने बताया कि बेटे सतेंद्र की तहरीर पर आरोपी पिता के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया है।
फोरेंसिक टीम भी जांच कर रही है। पुलिस ने बताया कि प्रहलाद सैनी कुछ साल पहले फैक्टरी में काम करता था, लेकिन फिलहाल बेरोजगार हैं। उसने दस साल पहले नसीम की सोसाइटी में 80 गज का मकान खरीदा था। मकान के एक कमरे में वह पत्नी शशि के साथ रहता था। दूसरे में सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी करने वाला बड़ा बेटा सतेंद्र पत्नी पूजा और अपने दोनों बच्चों आदित्य व सृष्टि संग रहता है।
प्रहलाद ने माली का काम करने वाले छोटे बेटे सुरेंद्र को कई साल पहले घर से निकाल दिया था, तब से सुरेंद्र परिवार के संग नौबस्ता में किराये के कमरे में रह रहा है। बड़ी बहू पूजा ने पुलिस को बताया कि ससुर मकान बेचना चाहते हैं। सास उनका विरोध करती थी, इस पर दोनों के बीच तो अक्सर झगड़ा होता था। ससुर कहते थे मकान बेचकर जो रुपया मिलेगा, उसे वह बेटों को न देकर अपने बुढ़ापे के लिए रखेगा।
सास शशि इसके विरोध में थीं, क्योकि छोटे बेटे सुरेंद्र को भी पिता की जिद के कारण घर छोड़ना पड़ा था। इसी बात पर बुधवार रात भी दोनों पति-पत्नी के बीच झगड़ा हुआ था। बहू के मुताबिक गुरुवार सुबह घर पर दादी-बाबा का श्रा़द्ध था। पति मां को नाश्ता देने गए तो कमरे का गेट बाहर से बंद था। खोलकर देखा तो सामने बिस्तर पर मां का रक्तरंजित शव पड़ा था।
सिरहाने खून से सनी कुल्हाड़ी रखी थी और चारों तरफ खून फैला था। कुछ देर बाद पता लगा कि ससुर झांसी रेलवे लाइन पर घायल हालत में पड़े हुए हैं। एडीसीपी साउथ का कहना है कि हो सकता है कि आरोपी जान देने के इरादे से रेलवे ट्रैक पर गया हो। फिलहाल उसे जीआरपी ने भर्ती कराया है।
रेलवे ट्रैक पर मिले प्रहलाद के सिर पर चोट है, जबकि एक पैर में पुरानी चोट के चलते पट्टी बंधी हुई है। घायल आरोपी की फोटो जब व्हाट्सअप ग्रुपों में चलाई गई तब उसकी पहचान हो सकी। पुलिस को आरोपी के बारे में अन्य जानकारी जुटा रही है। कहते हैं कि बुढ़ापे में पति-पत्नी एक दूसरे का सहारा होते हैं। शशि की हत्या के बाद यही बात मोहल्ले वालों के गले नहीं उतर रही थी कि उम्र के इस पड़ाव में प्रहलाद अपनी पत्नी की जान का दुश्मन कैसे बन गया।