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उत्तर प्रदेश में पहले चरण का थमा चुनाव प्रचार, 10 फरवरी को 11 जिलों की 58 सीटों पर होगा मतदान

उत्तर प्रदेश में पहले चरण के मतदान के लिए प्रचार का शोर बुधवार शाम पांच बजे थम गया. इससे पहले सत्ताधारी भाजपा, समाजवादी पार्टी, कांग्रेस, बहुजन समाज पार्टी समेत तमाम राजनीतिक दलों ने अभियान में अपनी पूरी ताकत झोंक दी थी. जनता को लुभाने के लिए सभी ने अपने-अपने हथकंडे अपनाए और वादों और नीयत की बात की. पहले चरण में 11 जिलों की 58 विधानसभा सीटों पर 10 फरवरी को मतदान होना है.

पहले चरण में किन जिलों में मतदान होगा?

यूपी में पहले चरण में पश्चिमी उत्तर प्रदेश की 58 विधानसभा सीटों पर मतदान होगा. ये सीटें आगरा, अलीगढ़, बागपत, बुलंदशहर, गौतम बौद्ध नगर, गाजियाबाद, हापुड़, मथुरा, मेरठ, मुजफ्फरनगर और शामली जिलों के अंतर्गत आती हैं. बता दें कि यूपी में कुल सात चरणों में मतदान होना है और 10 मार्च को मतगणना के बाद नतीजे घोषित किए जाएंगे.

पहले चरण में कितने शिक्षित उम्मीदवार हैं?

पहले चरण के उम्मीदवारों में से 125 ने आठवीं कक्षा तक पढ़ाई की है, जबकि 15 ने खुद को निरक्षर घोषित किया है। एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) के अनुसार, चुनाव में 70 से अधिक उम्मीदवारों की उम्र 60 वर्ष से अधिक है। एडीआर ने कहा कि उसने उत्तर प्रदेश के 11 जिलों की 58 विधानसभा सीटों से राजनीतिक दलों के 615 उम्मीदवारों और निर्दलीय उम्मीदवारों के हलफनामों का विश्लेषण किया है.

एडीआर के अनुसार, 15 उम्मीदवार ‘निरक्षर’ हैं, 38 ‘साक्षर’ हैं, 10 उम्मीदवारों ने पांचवीं कक्षा तक, 62 ने कक्षा 8 तक, 65 ने कक्षा 10 तक और 102 ने कक्षा 12 तक पढ़ाई की है। इसके अलावा 100 ‘स्नातक’, 78 ‘स्नातक पेशेवर’, 108 ‘स्नातकोत्तर’, 18 ‘डॉक्टरेट’ और सात ‘डिप्लोमा’ धारक हैं, जबकि 12 ने अपनी शिक्षा का विवरण नहीं दिया है।

इसमें कहा गया है कि 239 उम्मीदवारों (39 फीसदी) ने पांचवीं और 12वीं कक्षा के बीच अपनी शैक्षणिक योग्यता घोषित की है, जबकि 304 उम्मीदवारों (49 फीसदी) ने अपनी शैक्षणिक योग्यता स्नातक या उससे ऊपर घोषित की है। आयु के संदर्भ में, 214 उम्मीदवारों (35 प्रतिशत) ने अपनी आयु 25 से 40 वर्ष के बीच घोषित की है और 328 उम्मीदवारों (53 प्रतिशत) ने इसे 41 से 60 वर्ष के बीच घोषित किया है। इसमें कहा गया है कि 73 उम्मीदवारों (12 फीसदी) ने अपनी उम्र 61 से 80 साल के बीच बताई है.

आखिरी दिन बीजेपी और समाजवादी पार्टी ने जारी किया घोषणापत्र

यूपी में चुनाव प्रचार के आखिरी दिन बुधवार को भारतीय जनता पार्टी और समाजवादी पार्टी ने अपना घोषणापत्र जारी कर दिया. बीजेपी ने जहां एक तरफ ‘लोक कल्याण संकल्प पत्र’ के नाम से अपना घोषणापत्र जारी किया, वहीं दूसरी तरफ सपा ने ‘समाजवादी वचन पत्र’ जारी कर जनता से कई बड़े वादे किए.

समाजवादी पार्टी के बड़े वादे

  • सभी फसलों का एमएसपी, गन्ना किसानों को 15 दिन में भुगतान, 4 साल में किसानों को कर्ज मुक्त करने का वादा
  • किसान आंदोलन के दौरान शहीद के परिजनों को 25 लाख और किसान स्मारक बनाए जाएंगे।
  • सरकारी नौकरियों में महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण का वादा।
  • घरेलू उपयोग के लिए 300 यूनिट बिजली मुफ्त दी जाएगी।
  • 12वीं पास बच्चों को लैपटॉप फ्री में दिया जाएगा और केजी से पीजी तक की लड़कियों की पढ़ाई मुफ्त की जाएगी।
  • बीपीएल परिवारों को प्रति वर्ष 2 सिलेंडर।
  • दो पहिया वाहनों के मालिकों को हर महीने एक लीटर पेट्रोल और ऑटो रिक्शा वालों को तीन लीटर पेट्रोल और 6 किलो सीएनजी मुफ्त मिलेगा।
  • मौजूदा और नए उद्योग के लिए सिंगल रूफ क्लीयरेंस सिस्टम बनाया जाएगा।
  • हर जिले में बनेंगे मॉडल स्कूल, दोगुना करेंगे विश्वविद्यालय की सीटें
  • बुजुर्गों को 18 हजार रुपये पेंशन देने का वादा।

बीजेपी के बड़े वादे

  • किसानों को मुफ्त सिंचाई सुविधा।
  • गन्ना किसानों को 14 दिन में भुगतान।
  • उज्ज्वला योजना के तहत होली और दिवाली पर 1-1 मुफ्त सिलेंडर।
  • निराश्रित महिलाओं और वरिष्ठ नागरिकों को 1500 रुपये पेंशन।
  • प्राथमिक विद्यालयों में टेबल बेंच की व्यवस्था।
  • हर सर्कल में कम से कम 1 विश्वविद्यालय।
  • प्रत्येक परिवार के लिए कम से कम एक रोजगार।
  • एंबुलेंस और एमबीबीएस की सीटें दोगुनी करने का वादा।
  • लव जिहाद पर 10 साल कैद और 1 लाख जुर्माना।
  • मां अन्नपूर्णा कैंटीन बनाकर गरीबों को सस्ता खाना

दिल्ली बॉर्डर पर बंद हुई शराब की दुकानें

10 फरवरी को मतदान के मद्देनजर गाजियाबाद और नोएडा से लगती दिल्ली की सीमा के 100 मीटर के दायरे में आने वाली सभी शराब की दुकानें मंगलवार शाम से अगले दो दिनों तक बंद रहेंगी. दिल्ली के आबकारी आयुक्त द्वारा जारी नोटिस के अनुसार, 8 फरवरी को शाम 6 बजे से 10 फरवरी को मतदान समाप्त होने तक (मतदान से 48 घंटे पहले) और 10 मार्च को मतगणना का दिन (शराब प्रतिबंध) सूखा रहेगा. .

नोटिस में कहा गया है कि यह आदेश आबकारी विभाग के उन सभी लाइसेंस धारकों के लिए अनिवार्य होगा, जिनकी दुकानें या बार एनसीआर में दिल्ली-उत्तर प्रदेश सीमा के 100 मीटर के दायरे में आते हैं. बता दें कि 10 फरवरी को होने वाले पहले चरण के चुनाव में गाजियाबाद और गौतमबुद्धनगर भी शामिल हैं.

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