ग्रेटर नोएडा

बस-बे खत्म करेगा परी चौक पर ट्रैफिक जाम की समस्या

-डिजाइन मंजूर, एक माह में टेंडर जारी करने की तैयारी

-ग्रेनो प्राधिकरण के सीईओ ने डिजाइन पर दी सहमति

ग्रेटर नोएडा। ग्रेटर नोएडा के परी चौक पर ट्रैफिक जाम की समस्या खत्म करने की तैयारी प्राधिकरण ने शुरू कर दी है। मंगलवार को प्राधिकरण के सीईओ नरेंद्र भूषण ने परी चौक पर प्रस्तावित बस-बे की डिजाइन पर सहमति दे दी है। अगले एक माह में एस्टीमेट फाइनल कर टेंडर जारी करने की तैयारी है। टेंडर के जरिए कंपनी का चयन कर शीघ्र काम शुरू कराया जाएगा।

नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे से आवागमन करने वाले वाहन परी चौक से होकर गुजरते हैं। परी चौक पर ट्रैफिक का अधिक दबाव दिन भर बना रहता है। इसे खत्म करने के लिए ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने परी चौक पर मेट्रो स्टेशन के पास बस-बे बनाने का निर्णय लिया है। इसकी डिजाइन तैयार करने की जिम्मेदारी कंसल्टेंट कंपनी ई एंड वाई को दी गई थी। ई एंड वाई ने मंगलवार को सीईओ नरेंद्र भूषण के समक्ष डिजाइन पर प्रस्तुतिकरण दिया, जिस पर सीईओ ने सहमति दे दी है। सीईओ ने प्रोजेक्ट विभाग को इस डिजाइन के आधार पर टेंडर शीघ्र जारी कर कंपनी का चयन करने और काम शुरू कराने के निर्देश दिए हैं। डिजाइन के अनुसार ग्रेटर नोएडा से नोएडा की तरफ जाते समय मेट्रो स्टेशन के सामने 13 एकड़ की जगह खाली है। वहीं पर बस स्टैंड बनाया जाएगा। यहां से गुजरने वाली सभी बसें, ऑटो आदि इसी बस-बे से होकर गुजरेंगे। एक्सप्रेसवे पर नहीं रुकेंगे। इससे ट्रैफिक जाम की समस्या खत्म हो जाएगी। प्राधिकरण के महाप्रबंधक परियोजना एके अरोड़ा ने बताया कि बसों के लिए दो लेन बनाई जाएगी। 10 बसों के रुकने के लिए पार्किंग की जगह भी होगी। ऑटो वालों के लिए अलग लेन होगी। अगर कोई साइकिल से आता है तो उसके लिए स्टैंड की सुविधा भी वहीं पर होगी। स्टैंड में साइकिल खड़ी करके बस स्टैंड या फुटओवर ब्रिज के जरिए मेट्रो स्टेशन तक जा सकेगा। पैदल चलने वालों की सुविधा का भी ख्याल रखा गया है। उनके लिए अलग से कवर्ड पाथ-वे बनेगा। टैक्सी के लिए अलग लेन निर्धारित होगी। खुद की कार या मोटरसाइकिल के लिए भी लेन तय होगी। पेड़ों के नीचे बेंच लगी होंगी, जहां बैठकर यात्री बसों का इंतजार कर सकेंगे। इसके अलावा शौचालय, टिकट काउंटर व खाने-पीने के चीजें भी उपलब्ध रहेंगी।

-परी चौक पर ट्रैफिक की समस्या को खत्म करना प्राधिकरण की प्राथमिकता है। इसकी डिजाइन मंजूर कर ली गई है। एस्टीमेट और टेंडर प्रक्रिया को फाइनल करयात्रियों को शीघ्र राहत दिलाने की कोशिश की जाएगी।

नरेंद्र भूषण, सीईओ, ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण

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