सुपरटेक बिल्डर का बड़ा घोटाला, एक ही फ्लैट को कई लोगों को बेचा, 75 घरों से 1.25 करोड़ का फ्रॉड
नोएडा। दिल्ली-एनसीआर की सबसे ऊंची आवासीय परियोजना 300 मीटर (984 फीट) व करीब 80 मंजिल वाली सुपरनोवा सोसायटी में 74 फ्लैट खरीदारों पर घर छोड़ने का संकट खड़ा हो गया है। बिल्डर पर इन सभी फ्लैट पर बिक्री से पहले ही प्रोफाइल फंडिंग के जरिये लोन लेने का आरोप लगा है।
फाइनेंस कंपनी के कर्मचारियों के साथ मिलकर करीब 150 करोड़ करोड़ रुपये लिए जाने का आरोप है। इसके बाद खरीददार बिल्डर, प्रशासन, पुलिस व शासन से गुहार लगा रहे, लेकिन अभी तक कोई मदद नहीं मिली है।
सोसायटी में 2020 में फ्लैट खरीदने वाले एक व्यक्ति ने बताया कि 26 अक्टूबर को अपर जिलाधिकारी वित्त व राजस्व अतुल कुमार ने नोटिस जारी कर फ्लैट खाली करने का आदेश दिया है। इसके बाद 11 नवंबर को घर खाली कराने के लिए पुलिस सोसायटी पहुंची।
उनका कहना है कि उनके फ्लैट नंबर पर ही असम के डिब्रूगढ़ के रहने वाले रोशन थापा के नाम पर एक फाइनेंस कंपनी ने एक करोड़ 77 लाख 91 हजार का लोन दर्शाया है, जबकि उसी फ्लैट पर एक करोड़ 10 लाख का लोन कराकर उन्होंने फ्लैट खरीदा है।
सोसायटी के लोगों का कहना है कि बिल्डर की तरफ से फ्लैट नंबर एक ही रखा गया है, जबकि टावर का नंबर ए की जगह बी कर दिया गया है। सोसायटी के एक अन्य फ्लैट खरीदार ने बताया कि 2020 में घर खरीदा था। अगस्त 2021 में फ्लैट का पजेशन मिला। फरवरी 2023 में एक फाइनेंस कंपनी ने आकर घर पर ढाई करोड़ का नोटिस चिपका दिया। जबकि खुद का करीब एक करोड़ के लोन की किस्त नियमित तौर पर जमा कर रहे।
प्रशासन में रिकवरी के लिए पहुंची है 30 फ्लैट की सूची
प्रशासन में सोसायटी के तीन टावरों टावर ईस्ट, वेस्ट व स्पायरा से करीब 30 फ्लैटों के लोन की रिकवरी की नोटिस प्रशासन के पास पहुंची है। इसको लेकर सोसायटी के लोग डरे हुए हैं।
उनका कहना है कि मुकदमा दर्ज कराने के लिए पुलिस के पास भी गए, लेकिन मुकदमा दर्ज नहीं किया गया। लोगों का कहना है कि कोर्ट से स्टे नहीं मिलने की स्थिति में उनके ऊपर घर छोड़ने का संकट है। वहीं, सुपरटेक बिल्डर के प्रतिनिधियों के हवाले से लोगों ने बताया कि यह स्थिति करीब 75 फ्लैटों में है।
एक फ्लैट जिस व्यक्ति को बेचा गया था। उसने बैंक के साथ में बिल्डर का भी भुगतान नहीं किया। बैंक के संपर्क करने पर लोन का भुगतान कर पुराने बायर के नाम के फ्लैट को कैंसल कर दिया गया । इसके साथ ही नए बायर को फ्लैट बेचा जा चुका है। यह सिर्फ एक फ्लैट का मामला है। 75 फ्लैट में ऐसा हुआ है l यह आरोप निराधार है।-मोहित अरोड़ा, प्रतिनिधि सुपरटेक बिल्डर
- घर खरीदने से पहले ही बिल्डर पर प्रोफाइल फंडिंग से 125 से 150 करोड़ का गलत ढंग से लोन लेने का आरोप
- फाइनेंस कंपनी व प्रशासन का नोटिस मिलने के बाद पुलिस, प्रशासन के चक्कर लगा रहे फ्लैट खरीदार
- एनसीआर की सबसे ऊंची निर्माणाधीन आवासीय परियोजना में बढ़ सकती है पीड़ितों की संख्या
बिल्डर ने लेटरहेड पर लिखकर दिया, सेटल करेंगे
फ्लैट खरीदारों की तरफ से बिल्डर से शिकायत करने के बाद पहले तो बिल्डर ने नहीं सुना। मामला बढ़ने पर बिल्डर ने अपने लेटर हेड पर लिखकर दिया कि फ्लैट खरीदार के अतिरिक्त फ्लैट पर कोई लोन होने पर कंपनी उसे सैटल करेगी। वहीं सोसायटी के एओए अध्यक्ष पंकज कौशिक ने बताया कि 2023 में फरवरी से नोटिस आ रहा कि घर की नीलामी होगी।
मामले में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से भी कार्रवाई करने की अपील कर रहे। 26 अक्टूबर को आए नोटिस में फ्लैट खरीदारों को 45 दिन का समय मिला है, इसमें से 30 से अधिक दिन बीत गया है। ऐसे में अगर 15 दिनों में फ्लैट खरीदारों की उचित सुनवाई नहीं होगी तो फ्लैट नीलाम हो सकता है। ऐसे में फ्लैट खरीदारों को घर खाली करना पड़ेगा। मौके पर योजना में करीब 582 फ्लैट में लोग रहते हैं व योजना अभी निर्माणाधीन है।
फ्लैट खरीददार इस मामले में बिल्डर के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज करा सकते हैं।-अतुल कुमार, अपर जिलाधिकारी वित्त व राजस्व