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बड़ा खुलासा: अतीक अहमद का आखिरी बार चेहरा देखने कब्रिस्तान आई थी शाइस्ता परवीन! पुलिस को नहीं लग पाई भनक

उमेश पाल हत्याकांड में असद के मोबाइल और एटीएम को लखनऊ में इस्तेमाल करने वाला करीबी दोस्त आतिन जफर अब अतीक और अशरफ की हत्या के बाद शाइस्ता परवीन (Shaista Praveen) व शूटर साबिर का भी बड़ा मददगार निकला है. अतीक अहमद और अशरफ की हत्या के बाद शाइस्ता परवीन और साबिर जनाजे में शामिल होने के लिए आतिन जफर के घर में ही रुके थे. लेकिन पुलिस का बंदोबस्त देकर वह फिर जनाजे में शामिल होने की हिम्मत नहीं जुटा पाए.

देवरिया जेल में लखनऊ के व्यापारी मोहित जायसवाल को अतीक अहमद के बेटे उमर के साथ अपहरण कर ले जाने वाले जफरुल्लाह का बेटा आतिन जफर उमेश पाल हत्याकांड में शामिल असद का मददगार था. वहीं दूसरी तरफ अतीक और अशरफ की हत्या के बाद शाइस्ता परवीन और साबिर का शरणदाता भी था. उमेश पाल हत्याकांड की जांच कर रही पुलिस ने जब असद के मोबाइल की लोकेशन और उसके बैंक की ट्रांजैक्शन को देखा तो पता चला जब उमेश पाल की हत्या हुई. उस वक्त असद का मोबाइल लखनऊ में था और उसी देर रात असद के एटीएम से पैसे भी निकाले गए. पुलिस ने गहनता से जांच की, एटीएम का सीसीटीवी निकाला तो पता चला असद का मोबाइल और एटीएम उसका करीबी दोस्त अतिन जफर के पास था और वही पैसे निकाल रहा था.

अतीक के जनाजे में शामिल होना चाहती थी शाइस्ता

पुलिस ने आतिन जफर को गिरफ्तार किया तो उसके पास से असद का आईफोन भी बरामद हुआ. अतिन जफर से पूछताछ की गई तो पता चला बीते 15 अप्रैल को जब अतीक अहमद अशरफ की हत्या हुई तो शाइस्ता परवीन अपने करीबी शूटर साबिर के साथ 16 अप्रैल को जफरुल्लाह के खुल्दाबाद स्थित घर पर रुके थे. भेष बदलकर अतीक अहमद और अशरफ के जनाजे में शामिल होकर आखिरी बार चेहरा देखने के लिए कसारी मसारी कब्रिस्तान जाने वाले थे.

पुलिस की मुस्तैदी देख नहीं पहुंच पाई कब्रिस्तान

लेकिन जगह-जगह पर पुलिस का पहरा, कब्रिस्तान जाने वाले हर व्यक्ति का आई कार्ड और बुर्का नशीन हर औरत की जांच को शाइस्ता और साबिर ने टीवी पर देखने के बाद वह फिर कब्रिस्तान नहीं गई. दूसरे दिन यानी 17 अप्रैल को शाइस्ता और साबिर कहीं चले गए. इतना ही नहीं 2 मई को भी साबिर फिर जफरुल्लाह के घर पहुंचा था लेकिन पुलिस के पहुंचने से पहले वह फरार हो गया.

बता दें कि अतीन का पिता जफरुल्लाह ,अतीक अहमद के बेटे उमर के साथ लखनऊ जेल में बंद हैं. उसके ऊपर लखनऊ के व्यापारी मोहित जायसवाल का अपहरण कर देवरिया जेल ले जाने का आरोप है. वहीं दूसरी तरफ जफरुल्लाह का बेटा अतिन जफर असद का दोस्त था जो लखनऊ के महानगर स्थित असद के फ्लैट में साथ ही रहता था. लेकिन उमेश पाल हत्याकांड के बाद जब लखनऊ में पुलिस ने सरगर्मी से असद और उसके साथियों की तलाश शुरू की तो अतिन जफर प्रयागराज के खुल्दाबाद में स्थित अपने घर चलाया था. जहां पुलिस ने उसके पैसे से असद का मोबाइल और एटीएम बरामद कर धूमनगंज थाने में साक्ष्य छुपाने की एफआईआर दर्ज की है और उसे जेल भेज दिया गया है.

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