अपराधउत्तर प्रदेशराज्य

आयुष कालेजों में फर्जी एडमिशन केस में बड़ा एक्शन, CBI से होगी जांच; आयुष निदेशक समेत दो अफसर सस्पेंड

उत्तर प्रदेश के आयुष कॉलेजों में प्रवेश में हुई धांधला का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. इस मामले में राज्य के मुख्यमंत्री योगी आदित्य़नाथ ने घोटाले की जांच सीबीआई से कराने की सिफारिश कर दी है. इस आदेश से आरोपियों में खलबली मच गई है. इस आदेश/सिफारिश के साथ ही राज्य सरकार ने दो आला अफसरों को सस्पेंड कर दिया है, जबकि दो अन्य के आला-अफसरान के खिलाफ विभागीय जांच के आदेश दे दिए गए हैं. जिन दो अधिकारियों को सस्पेंड किए गए हैं उनका नाम प्रो. डॉ. एसएन सिंह और उमाकांत यादव है.

प्रो. डॉ. एस एन सिंह इस वक्त कार्यवाहक निदेशक आयुर्वेद सेवाएं-सदस्य सचिव काउन्सिलिंग भी हैं. उनका मूल पद प्रिसिंपल और अधीक्षक का है. जबकि निलंबित किए गए दूसरे आला-अफसर उमाकान्त यादव, प्रभारी अधिकारी शिक्षा निदेशालय, आयुर्वेद सेवाएं हैं. हालांकि उनका भी मूल पद प्रोफेसर राजकीय आयुर्वेद मेडिकल कॉलेज, लखनऊ है. घटना की जांच सीबीआई से कराने की सिफारिश सहित यह तमाम एक्शन, राज्य के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देशों पर लिए-किए गए हैं. यह मामला बीते साल आयुष कॉलेजों में प्रवेश में हुई अनियमितता से संबंधित हैं.

CBI जांच की बात सुनते ही संदिग्धों में हड़कंप

इस धांधली की जांच सीबीआई से कराए जाने की सिफारिश की खबर फैलते ही, संदिग्धों में हड़कंप मच गया है. सब एक दूसरे की ओर ताक रहे हैं कि न मालूम अब सीबीआई जांच की आंच की चपेट में कौन कौन आएगा? सोमवार देर रात यह जानकारी यूपी राज्य सरकार के प्रवक्ता ने दी. उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री के निर्देशों के अनुपालन में ही, प्रो. डॉ. एसएन सिंह, कार्यवाहक निदेशक आयुर्वेद सेवाएं-सदस्य सचिव काउन्सिलिंग मूल पद प्रिसिंपल और अधीक्षक को सस्पेंड किया गया है, ताकि वे अपने खिलाफ होने वाली आगे की जांच को प्रभावित करने की कोशिश न कर सकें.

विभागीय कार्रवाई के आदेश

कमोबेश ऐसा ही उमाकान्त यादव, प्रभारी अधिकारी शिक्षा निदेशालय, आयुर्वेद सेवाएं मूल पद प्रोफसर राजकीय आयुर्वेद मेडिकल कॉलेज, लखनऊ के साथ भी हुआ है. इन्हें भी सस्पेंड कर दिया गया है. राज्य सरकार प्रवक्ता के मुताबिक ऊपर उल्लिखित दो उच्चाधिकारियों के सस्पेंशन के साथ ही. और भी विभागीय कदम उठाए गए हैं, जिसके तहत डॉ. मोहम्मद वसीम, प्रभारी अधिकारी यूनानी निदेशालय व प्रो. विजय पुष्कर, कार्यवाहक संयुक्त निदेशक शिक्षण होम्योपैथी निदेशालय के विरुद्ध, सरकार ने विभागीय कार्रवाई के आदेश दिए हैं. ताकि इनकी भूमिका भी सामने निकल कर आ सके.

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button