चिटहेरा के दो सौ करोड़ से अधिक के भूमि घोटाले मामले में नौ लोगों को जमानत
नोएडा। चिटहेरा में हुए दो सौ करोड़ से अधिक के भूमि घोटाले में नामजद दस आरोपियों में से नौ को हाईकोर्ट से अग्रिम जमानत मिल गई है, जबकि एक आरोपी की अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई चल रही है। इस मामले में दर्ज हुए दोनों मुकदमों को भी एसआईटी के ने एक ही में मर्ज कर दिया है।
चिटहेरा में जमीन का बड़ा घोटाला हुआ था, जिसमें भूमाफिया और अधिकारियों के सिंडिकेट ने मिलकर गांव के दलित और अन्य समाज के लोगों के पट्टों की जमीन का अनुबंध जबरन अपने नाम करा दिए गए थे। इसमें दो माह पहले दो मुकदमें दर्ज हुए थे। एक मुकदमा लेखपाल शीतला प्रसाद की ओर से दर्ज कराया गया था, जिसमें भूमाफिया यशपाल तोमर व त्रिदेव प्राइवेट लिमिटेड के नरेंद्र कुमार, कर्मवीर, बेलू, कृष्ण पाल, एम भास्करण, केएम संत उर्फ खचेरमल, गिरीश वर्मा और सरस्वती देवी नामजद हैं, जबकि दूसरा मुकदमा राजस्व निरीक्षक पंकज निरवाल की तरफ से दर्ज कराया गया था। इसमें पहला मुकदमा दर्ज कराने वाले लेखपाल शीतला प्रसाद को आरोपी बनाया गया और अन्य अधिकारियों पर भी आरोप लगे।
गौतमबुद्धनगर कमिश्नर ने इसकी जांच एसआईटी के सुपुर्द कर दी गई थी। एसआईटी ही मामले की जांच कर रही है। एसआईटी में तैनात अधिकारियों के अनुसार इस मामले में दर्ज हुए दोनों मुकदमों को ही मुकदमें में मर्ज कर दिया गया है। इस मामले में नामजद नौ लोगों को हाईकोर्ट से अग्रिम जमानत मिल चुकी है, जबकि एक आरोपी गिरीश वर्मा की अग्रिम जमानत के मामले में हाईकोर्ट में सुनवायी चल रही है, जबकि मुख्यारोपी भूमाफिया यशपाल तोमर वर्तमान में हरिद्धार जेल में बंद है।
लोगों से मांगे साक्ष्य
एसआईटी ने शुक्रवार को प्रेस नोट जारी कर लोगों से इस मामले में साक्ष्य उपलब्ध कराने के लिए कहा गया है। उनकी ओर से जारी प्रेस नोट में कहा गया है कि चिटहेरा गांव थाना दादरी जनपद गौतमबुद्धनगर में भूमिहीन किसानो को आवंटित भूमि पट्टों को भूमाफिया ने डरा धमकाकर अपने पक्ष में बैनामा कराने के सम्बन्ध में दादरी थाने में दर्ज मुकदमे की विवेचना एसआईटी कर रही है। उक्त मामले के संबंध में यदि कोई भी व्यक्ति अपना बयान देना चाहता है या कोई साक्ष्य उपलब्ध करा सकता है तो वह एसआईटी के इंस्पेक्टर गिरीश प्रसाद राज और परमहंस तिवारी से संपर्क कर सकता है।