लॉर्ड्स टेस्ट मैच में ऑस्ट्रेलिया की टीम ने जिस तरह से इंग्लैंड के विकेटकीपर बल्लेबाज जॉनी बेयरेस्टो को आउट किया था, उस पर विवाद खड़ा हो गया है। इंग्लैंड का खेमा कह रहा है कि ये खेल भावना के खिलाफ था, जबकि ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी कह रहे हैं कि ये नियमों के तहत किया गया। इस पर इंग्लैंड के पूर्व क्रिकेटर का कहना है कि अगर ऑस्ट्रेलिया में इंसानियत है तो उन्हें जॉनी बेयरेस्टो के स्टंपिंग के लिए सार्वजनिक रूप से माफी मांगनी चाहिए।
जेफ्री बॉयकॉट ने द टेलीग्राफ के लिए लिखे अपने कॉलम में कहा, “मैंने आस्ट्रेलियाई लोगों क निष्पक्ष सोच और कड़े प्रतिस्पर्धी होने के लिए हमेशा प्रशंसा और सम्मान किया है। 1965-66 में अपने पहले एशेज दौरे पर, मैंने लेग स्पिनर पीटर फिल्पोट की एक गेंद को खेला, गेंद घूम गई और कठोर पिच से उछल गई और मैंने सहजता से इसे अपने दाहिने दस्ताने से दूर कर दिया, क्योंकि मुझे चिंता थी कि गेंद वापस घूमेगी और स्टंप्स पर हिट करेगी।”
उन्होंने आगे बताया, “इस पर विकेटकीपर वैली ग्राउट ने कहा, ‘ऐसा मत करो, बेटा।’ मैं गेंद को हैंडल्ड द बॉल के रूप में आउट होने के नियम को नहीं जानता था। मुझे आउट दिया जा सकता था, लेकिन मैंने गेंदबाज, कप्तान और अंपायर से माफी मांगी और वैली को धन्यवाद कहा। मैं धोखा देने की कोशिश नहीं कर रहा था।” उन्होंने एक और उदाहरण एक साल पहले का दिया, जब वे साउथ अफ्रीका के दौरे पर थे और कैप्टन माइक स्मिथ को आउट दिया गया।
बॉयकॉट ने बताया, “1964 में इंग्लैंड के साथ दक्षिण अफ्रीका के मेरे पहले दौरे पर हमारे कप्तान माइक स्मिथ को रविवार को विवादास्पद जॉनी बेयरस्टो स्टंपिंग जैसी ही परिस्थितियों में आउट दिया गया था। उन्होंने सोचा कि ‘ओवर’ हो गया है, लेकिन शॉर्ट लेग फील्डर ने स्टंप्स गिरा दिए। दक्षिण अफ्रीका के कप्तान ट्रेवर गोडार्ड दौड़ते हुए आए और अपने खिलाड़ियों से बात की और अपील को पलटने के लिए अंपायर के पास गए।”
उन्होंने आगे कहा, “अगर आप हर कीमत पर जीतना चाहते हैं तो क्रिकेट आपके लिए नहीं होना चाहिए। हम चाहते हैं कि लोग कड़ी मेहनत और निष्पक्षता से खेलें, लेकिन निश्चित रूप से पालन करने के लिए कुछ मानक हैं? जब बल्लेबाज फायदा उठाने की कोशिश नहीं कर रहे हों तो आपको कानून का पालन नहीं करना चाहिए। कुछ कॉमन सेंस लगाएं। यदि कोई बल्लेबाज रन चुराने की कोशिश कर रहा है, जैसे कि मांकड़ स्थिति में, तो यह अलग बात है, लेकिन जॉनी कोई रन चुराने की कोशिश नहीं कर रहा था।”
बॉयकॉट का कहना है कि ऑस्ट्रेलिया को इस पर माफी मांगनी चाहिए। उन्होंने कहा, “ऑस्ट्रेलिया को इस पर विचार करने की जरूरत है कि उन्होंने क्या किया और पूरी तरह से सार्वजनिक रूप से माफी मांगनी चाहिए। इस तरह से स्थिति का समाधान हो जाएगा और हर कोई आगे बढ़ सकता है। इन टीमों ने बहुत अच्छे जज्बे के साथ शानदार क्रिकेट खेली है और यह शर्म की बात है जब ऐसा कुछ होता है जो सब कुछ बर्बाद कर देता है।” ऑस्ट्रेलिया के पास अभी भी सोचने का समय है कि उन्होंने हीट ऑफ द मोमेंट में गलती की है।