जेल से रिहा हुआ आशीष मिश्रा, 8 हफ्तों के लिए SC ने इन शर्तों पर दी जमानत
सुप्रीम कोर्ट ने लखीमपुर खीरी केस में आरोपी आशीष मिश्रा को 8 हफ्ते की अंतरिम जमानत दे दी है. आशीष मिश्रा केंद्रीय मंत्री अजय कुमार मिश्रा के बेटे हैं. आशीष मिश्रा पर लखीमपुर में किसानों को गाड़ी से कुचलने का आरोप लगा था. सुप्रीम कोर्ट ने पिछली सुनवाई पर जमानत पर फैसला सुरक्षित रख लिया था. सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि मुकदमा खत्म होने तक किसी को जेल में रखना सही नहीं है. आशीष 1 साल से अधिक समय से जेल में है.
सुप्रीम कोर्ट ने आशीष मिश्रा को शर्तों के साथ 8 हफ्ते की अंतरिम जमानत दी है. इतना ही नहीं ट्रायल कोर्ट में सुनवाई के अलावा आशीष यूपी भी नहीं जा सकेंगे. दिल्ली में भी नहीं रह सकेंगे. वे अंतरिम जमानत के दौरान जहां-जहां रहेंगे, उस पते की और संबंधित थाने की जानकारी कोर्ट को देनी होगी.
सुप्रीम कोर्ट करेगा निगरानी
इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने लखीमपुर केस में स्वत: संज्ञान लेते हुए बाकी सभी आरोपियों को भी बेल देने का आदेश दिया है. इतना ही नहीं सुप्रीम कोर्ट खुद इस मामले की निगरानी करेगा. ट्रायल कोर्ट को हर सुनवाई के बाद जानकारी सुप्रीम कोर्ट में भेजनी होगी. इस मामले में SC में अगली सुनवाई 14 मार्च को होगी. सुप्रीम कोर्ट ने आदेश में कहा कि आशीष मिश्रा अंतरिम जमानत के दौरान यूपी और दिल्ली में नहीं रह सकेंगे.
जस्टिस सूर्यकान्त और जस्टिस जे के माहेश्वरी की बेंच ने आशीष को अंतरिम जमानत देते हुए कहा कि बैलेंस यानी कानून और न्यायिक प्रक्रिया के बीच संतुलन बनाने के लिए लिया यह फैसला लिया गया है. कोर्ट ने कहा कि जमानत के एक हफ्ते के भीतर ही आशीष को यूपी और दिल्ली छोड़ना होगा. वे कोर्ट को अपनी लोकेशन के बारे में बताते रहेंगे ताकि उन पर निगरानी रखी जा सके. साथ ही उन्हें अपना पासपोर्ट भी सरेंडर करना होगा.
क्या है मामला?
लखीमपुर जिले के तिकुनिया थाना क्षेत्र में 3 अक्टूबर 2021 को हिंसा हुई थी. आरोप है कि केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी के बेटे आशीष मिश्रा उर्फ मोनू के इशारे पर थार जीप से प्रदर्शनकारी किसानों को कुचल दिया गया था. घटना में चार किसान की मौत हो गई थी. हिंसा भड़कने के बाद कुल 8 लोगों की जान गई थी. यहां तीन कृषि कानून के विरोध में किसान धरना देने और मंत्री अजय मिश्रा के खिलाफ प्रदर्शन करने के लिए जुटे थे. इस घटना में कई किसानों की मौत हो गई थी. कुछ घायल हुए थे. मंत्री पुत्र की कार के ड्राइवर को भीड़ ने पीट-पीट कर मार दिया था.