कमजोर हो रहा समुद्री तूफान असानी, ओडिशा व पश्चिम बंगाल में भारी बारिश जारी
चक्रवाती तूफान असानी (Cyclone Asani) धीरे-धीरे कमजोर हो रहा है. बुधवार देर रात यह आंध्र प्रदेश के मछलीपट्टनम और नरसापुर के बीच कमजोर होकर गहरे दबाव क्षेत्र में तब्दील हो गया. भारतीय मौसम विभाग के मुताबिक, असानी के कारण कई स्थानों पर भारी बारिश के आसार हैं. भारतीय मौसम विभाग (Weather Update) ने बताया कि तटीय आंध्र प्रदेश (Andhra Pradesh) पर गहरा दबाव क्षेत्र पिछले 6 घंटों के दौरान व्यावहारिक रूप से स्थिर रहा और उसी क्षेत्र में कमजोर हो गया. अगले 12 घंटों के दौरान इसके तटीय आंध्र प्रदेश के आसपास मंडराने और कमजोर होने की संभावना है.
भारत मौसम विज्ञान विभाग की ओर से बताया गया कि ओडिशा और पश्चिम बंगाल के कई हिस्सों में गुरुवार सुबह से ही भारी बारिश हो रही है. दरअसल, चक्रवात असानी कमजोर होकर एक गहरे दबाव में बदल गया है, जो आंध्र प्रदेश के तटीय क्षेत्रों के आसपास केंद्रित है. चक्रवात असानी के आंध्र प्रदेश की तरफ रुख करने से इसका प्रभाव ओडिशा में ज्यादा प्रभाव नहीं दिखा. चक्रवात के प्रभाव से प्रदेश के तटीय जिलों में बारिश हुई है. कुछ जगहों पर भारी बारिश की भी सूचना मिली है. मौसम विभाग के अनुसार चक्रवात अब कमजोर पड़ रहा है. विभाग ने अगले 24 घंटे में प्रदेश के 10 जिलों के कुछ जगहों पर भारी बारिश की आशंका जताते हुए अलर्ट जारी किया है. बता दें कि मंगलवार को ही ओडिशा के विशेष राहत आयुक्त प्रदीप कुमार जेना ने कहा था कि चक्रवात असानी के बुधवार सुबह आंध्र तट पर काकीनाडा पहुंचने का अनुमान है.
NDRF की कुल 50 टीमों को किया तैनात
असानी के चलते NDRF की कुल 50 टीमों को पश्चिम बंगाल, ओडिशा और आंध्र प्रदेश के लिए रखा गया है. इसमें से 22 टीमों को ग्राउंड पर तैनात किया गया है, जबकि 28 टीमों को स्थिति से निपटने के लिए राज्यों के भीतर अलर्ट पर रखा गया है. इसके अलावा जरूरत पड़ने पर प्रभावित क्षेत्रों के हवाई सर्वे और राहत बचाव कार्यों के लिए विशाखापट्टनम में INS डेगा और चेन्नई के पास INS रजाली को नेवी स्टेशन पर अलर्ट मोड पर रखा गया है.
मध्य भारत में अगले पांच दिनों तक गर्मी के आसार
भारतीय मौसम विभाग ने बताया कि उत्तर पश्चिम और मध्य भारत में अगले पांच दिनों तक भयंकर गर्मी पड़ेगी. इस दौरान लू भी लोगों को परेशान करेगी. मौसम वैज्ञानिकों ने बताया पूर्वी भारत में अधिकतम तापमान में बढ़ोतरी के आसार कम हैं, लेकिन इसके बाद दो से चार डिग्री तक पारा बढ़ सकता है. वहीं राजस्थान में तापमान 44 से 46 डिग्री सेल्सियस के बीच रह सकता है.