Arvind Kejriwal: पहली बार वर्ष 2011 में तिहाड़ जेल गए थे केजरीवाल, जानिए क्या था मामला
पश्चिमी दिल्ली। देश की सबसे बड़ी जेल में सोमवार को बंदी के तौर पर पहुंचे अरविंद केजरीवाल पहले भी यहां दो बार आ चुके हैं, लेकिन दोनों बार जब वह तिहाड़ पहुंचे थे, तब मुख्यमंत्री नहीं थे और न ही उन पर किसी घोटाले में शामिल होने का आरोप था।
पहली बार हुआ है कि मुख्यमंत्री के पद पर रहते हुए उन पर एक घोटाले में लिप्त होने का आरोप लगा है और वे एक बंदी के रूप में तिहाड़ पहुंचे। सोमवार दिन में जब जेलकर्मियों को पता चला कि मुख्यमंत्री एक बंदी के तौर पर तिहाड़ पहुंच रहे हैं तो सभी पुरानी यादों को टटोलने में जुट गए।
पूर्व में केजरीवाल कितनी बार जेल एकबंदी के तौर पर आए और किस जेल में रहे, इसे लेकर लोग बातें करने लगें। जेलकर्मियों का कहना था कि अरविंद केजरीवाल पूर्व में दो बार बंदी के रूप में आए जरूर, लेकिन तब उनकी छवि एक आंदोलनकारी एक नेता के रूप में थी, लेकिन इस बार दूसरी बात है।
वर्ष 2011 में अन्ना के साथ पहुंचे थे जेल
वर्ष 2011 में जब लोकपाल की मांग को लेकर अन्ना हजारे आंदोलन कर रहे थे, तब अरविंद केजरीवाल इस आंदोलन का एक प्रमुख चेहरा थे। तब धारा 144 का उल्लंघन नहीं करने से जुड़े पर्सनल बांड पर हस्ताक्षर नहीं करने के बाद अन्ना व उनके सहयोगियों को न्यायिक हिरासत में जेल भेजा गया था।
अन्ना के साथ जेल पहुंचे उनके सहयोगियों में अरविंद केजरीवाल भी थे। तब इस गिरफ्तारी के विरोध में बड़ी संख्या में अन्ना समर्थक जेल के बाहर जुटे थे। सुबह से शाम तक जेल के बाहर समर्थकों का तांता लगा रहता था।
वर्ष 2014 में गडकरी के मानहानि मामले में पहुंचे थे जेल
अरविंद केजरीवाल दूसरी बार भाजपा नेता नितिन गडकरी द्वारा दायर मानहानि से जुड़े मामले में न्यायिक हिरासत में तिहाड़ पहुंचे थे। तब आम आदमी पार्टी का गठन हो चुका था और केजरीवाल इसके मुखिया थे। इन्हें जेल संख्या चार में रखा गया था।
जेल के आसपास स्थित कालोनियों में रहने वाले लोगों को पता चला कि अरविंद केजरीवाल तिहाड़ आए हैं, तो बड़ी भीड़ जेल संख्या चार के पास एकत्र हो गई थी। तब केजरीवाल के पास वैगनआर कार थी।
केजरीवाल के जेल पहुंचने के बाद वकील के साथ जब इनकी पत्नी सुनीता केजरीवाल वैगनआर कार से पहुंचीं तब बड़ी संख्या में लोग इन्हें देखने के लिए जुटे थे।