सेना प्रमुख ने उत्तरी व पूर्वी सैन्य कमान के नये कमांडर इन चीफ साथ की बैठक, चीन-पाक को घेरने के लिए बनेगी रणनीति
भारतीय सेना के उत्तरी और पूर्वी कमान के नए कमांडर-इन-चीफ ने पदभार संभालते ही पाकिस्तान और चीन को घेरने की तैयारी शुरू कर दी है. सेना के दोनों अधिकारी सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवने के साथ बैठक कर रहे हैं। इस बैठक में सेना के कई शीर्ष अधिकारी भी मौजूद हैं. समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, भारत-चीन और भारत-पाकिस्तान सीमा पर हाल में हुए बदलावों को देखते हुए यह समीक्षा बैठक आयोजित की जा रही है.
लेफ्टिनेंट जनरल मनोज पांडे, जिन्होंने हाल ही में वाइस चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ का पदभार संभाला है, पहली बार वाइस चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ के रूप में इस बैठक का हिस्सा हैं। लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी जहां उत्तरी कमान के कमांडर हैं, वहीं लेफ्टिनेंट जनरल आरपी कलिता ने भी 1 फरवरी को पूर्वी कमान के कमांडर-इन-चीफ के रूप में पदभार संभाला।
उपेंद्र द्विवेदी ने लेफ्टिनेंट जनरल वाईके जोशी की जगह ली है, जो सोमवार को सेवानिवृत्त हो गए। आरपी कलिता ने लेफ्टिनेंट जनरल मनोज पांडे की जगह ली। मनोज पांडे को भारतीय सेना का उप प्रमुख नियुक्त किया गया है।
दोनों अधिकारी 1984 से सेवा दे रहे हैं
लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी 1984 में जम्मू-कश्मीर राइफल्स में शामिल हुए थे। वह सैनिक स्कूल रीवा और राष्ट्रीय रक्षा अकादमी के पूर्व छात्र भी रहे हैं। वहीं, आरपी कलिता को भी 1984 में 9 कुमाऊं में कमीशन दिया गया था।
दोनों अधिकारियों के सामने बड़ी चुनौती
सामरिक और सैन्य दोनों तरह के सैन्य कमानों के प्रमुखों के पास महत्वपूर्ण जिम्मेदारी होगी। दरअसल, उपेंद्र द्विवेदी ने ऐसे समय में उत्तरी कमान की कमान संभाली है, जब चीन के साथ भारत की 14वें दौर की वार्ता भी विफल रही। ऐसे में वार्ता को सफल बनाना द्विवेदी की अहम जिम्मेदारी होगी। वहीं, आरपी कलिता ने भी ऐसे समय में कार्यभार संभाला है जब चीनी सेना ने अरुणाचल प्रदेश में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर अपनी गतिविधियां बढ़ा दी हैं। वहीं, सीमा विवाद को सुलझाने के लिए दोनों देश कमांडर स्तर की 15वीं यात्रा जल्द से जल्द करने पर सहमत हो गए हैं.