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मायावती को एक और बड़ा झटका, पूर्व मंत्री रामवीर उपाध्याय का बसपा से इस्तीफा

लखनऊ: बहुजन समाज पार्टी को भी अब झटका लगा है। पार्टी के सीनियर नेता रामवीर उपाध्याय ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। इसकी जानकारी उन्होंने फेसबुक पोस्ट के जरिए दी है। रामवीर उपाध्याय बसपा सरकार के कार्यकाल में मंत्री रह चुके हैं। उन्हें पार्टी प्रमुख मायावती के विश्वास प्राप्त नेता के रूप में जाना जाता था। हालांकि, अब उनके भारतीय जनता पार्टी से जुड़ने के संकेत मिलने लगे हैं।

सादाबाद के विधायक रामवीर उपाध्याय ने आधिकारिक तौर पर बहुजन समाज पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। बसपा सरकार में वह ऊर्जा, परिवहन और चिकित्सा शिक्षा मंत्री थे। बसपा ने पहले ही उन्हें पार्टी से निष्कासित कर दिया था। रामवीर उपाध्याय के भाई और परिवार के अन्य सदस्य पहले से ही भाजपा में हैं। ऐसे में माना जा रहा है कि वह भी भाजपा का दामन थाम सकते हैं।

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव की घोषणा और प्रदेश में चुनावी माहौल गरमाने के बाद अब तक भारतीय जनता पार्टी को 14 झटका लग चुका है। स्वामी प्रसाद मौर्य के मंत्री पद और पार्टी से इस्तीफा के बाद धर्म सिंह सैनी और दारा सिंह चौहान जैसे मंत्रियों का इस्तीफा हो चुका है। ऐसे में रामवीर उपाध्याय के पार्टी से जुड़ना उनके लिए बेहतर स्थिति बनाने वाला होगा। एक बड़े वर्ग को इससे साधने में भी पार्टी को मदद मिलेगी।

इस्तीफे में रामवीर उपाध्याय ने बहुजन समाज पार्टी पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि पार्टी कांशीराम के बनाए गए सिद्धांतों और आदर्शों से भटक चुकी है। इस कारण मुझे इस्तीफा देना पड़ रहा है। अपने 25 वर्ष के पार्टी से जुड़ाव को प्रदर्शित करते हुए उन्होंने कहा कि वर्ष 2009, 2012, 2014, 2017 और 2019 के चुनावों में पार्टी का प्रदर्शन खराब हुआ।

बसपा प्रमुख मायावती को भेजे गए पत्र में रामवीर उपाध्याय ने कहा कि हमने समय-समय पर इसकी समीक्षा का अनुरोध किया। मैंने कहा था कि कैडर वोट हमसे खिसक रहा है। आपसे मैंने जो सच्चाई बताई, उसे नकार दिया गया गया। मुझे पार्टी से निलंबित कर दिया गया। इससे मेरी और मेरे समर्थकों की भावना आहत हुई है।

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