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हम सब दिव्यांग बच्चों की प्रतिभा और ऊर्जा का लाभ देश हित में लगाने के लिए प्रयासरत : योगी आदित्यनाथ

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने दिव्यांगजनों की प्रतिभा को बहुत नजदीक से पहचाना है। भारत की ऋषि परंपरा में अष्टावक्र भी दिव्यांग थे, लेकिन उन्होंने अपनी प्रतिभा का लोहा उस कालखंड में भी मनवाया था। सूरदास ने अपनी रचना से कृष्ण लीला का वर्णन कर सभी को आकर्षित किया। स्टीफन हॉकिंग्स के बारे में भी कौन नहीं जानता। अगर दिव्यांगों को थोड़ी सी सहायता मिले तो वे बड़ी से बड़ी चुनौती का सामना कर सकते हैं।

मुख्यमंत्री राजधानी में शुक्रवार को डॉ. शकुंतला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय में दिव्यांगजनों के लिए काम करने वाली प्रदेश भर की संस्थाओं व प्रतिभाशाली दिव्यांगों को पुरस्कृत करने के बाद उन्हें संबोधित कर रहे थे। विश्व दिव्यांग दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि हर जिले में 100-100 दिव्यांगों को मोटराइज्ड ट्राई साइकिल दी जाएगी।

उनकी सरकार दिव्यांगजनों की प्रतिभा निखारने व उनकी ऊर्जा को राष्ट्र निर्माण में लगाने के लिए प्रतिबद्धता से काम कर रही है। साथ ही कहा कि शासन की योजनाओं का लाभ अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचाया जाए।

कार्यक्रम में उन्होंने दिव्यांगों को ट्राई साइकिल, व्हील चेयर, स्मार्ट केन व एमआर किट प्रदान की और प्रदर्शनी का उद्घाटन किया। कार्यक्रम को दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग के मंत्री अनिल राजभर, पुनर्वास विवि के कुलपति प्रो. राणा कृष्णपाल सिंह ने संबोधित किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कोरोना महामारी के बावजूद देश के पैरालंपिक खिलाड़ियों ने टोक्यो में शानदार प्रदर्शन किया। भारत के 56 खिलाड़ियों के दल ने 19 मेडल प्राप्त किए। प्रदेश सरकार ने मेडल प्राप्त करने वाले सभी खिलाड़ियों को सम्मानित किया। यह सफलता दिखाती है कि थोड़ा भी प्रोत्साहन दिया जाए तो वे अपनी प्रतिभा का लाभ देश व समाज को दे सकते हैं।

कार्यक्रम स्थल के बाहर विभिन्न संस्थानों व कॉलेजों द्वारा प्रदर्शनी लगाई गई थी। बचपन डे केयर सेंटर के प्रदर्शनी के सामने जब सीएम पहुंचे तो केजी के छात्र ओम पांडेय ने उन्हें देखकर कहा ‘योगी बाबा आ गए।’ सीएम ने ओम को अपने पास बुलाया, उसका नाम पूछा और दुलारा भी। शुक्रवार को ओम का जन्मदिन था तो सीएम ने उसे बधाई भी दी।

सीएम जब स्पर्श राजकीय दृष्टिबाधित बालक इंटर कॉलेज के स्टॉल पर पहुंचे तो यहां के छात्रों ने ब्रेल लिपि में छपी रामचरित मानस की कुछ पंक्तियां पढ़कर  सुनाई।

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