प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैली के बाद उत्तराखंड के चुनावी मैदान में अपनी जीत की संभावनाएं बढ़ाने के लिए समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी के नेता भी आने वाले हैं। इसकी तैयारी शुरू कर दी गई है। इसी महीने दोनों पार्टियों के नेता उत्तराखंड आएंगे।
चार दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राजधानी देहरादून के परेड ग्राउंड में रैली कर चुनावी माहौल बनाने की शुरुआत कर दी। अब कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी की 16 दिसंबर को परेड ग्राउंड में रैली करने जा रहे हैं। इस बीच, समाजवादी पार्टी ने भी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव के उत्तराखंड दौरे की तैयारियां शुरू कर दी हैं। पार्टी के अध्यक्ष डॉ. एसएन सचान ने बताया कि पार्टी अध्यक्ष इसी महीने पहले देहरादून में रैली करेंगे। इस दौरान वह उत्तराखंड प्रदेश से जुड़ी कई अहम घोषणाएं भी करेंगे। इसके बाद वह कुमाऊं में रैली करेंगे। जल्द ही रैली की तिथियां जारी कर दी जाएंगी।
दूसरी ओर, बसपा सुप्रीमो मायावती के भी उत्तराखंड दौरे की तैयारियां शुरू हो गई हैं। पार्टी के पश्चिमी यूपी-उत्तराखंड प्रभारी शम्सुद्दीन राइन ने बताया कि दस दिन के भीतर बसपा सुप्रीमो के उत्तराखंड दौरे की तिथियां तय हो जाएंगी।
यूपी की सियासत में दम दिखा चुकी सपा-बसपा उत्तराखंड के मैदानी जिलों के वोटरों को लुभाने का प्रयास कर रही हैं। दोनों ही पार्टियां वैसे तो सभी विधानसभा सीटों पर प्रत्याशी उतारने का दावा कर रही हैं लेकिन अंदरखाने फोकस मैदानी जिलों पर ही है। इसके लिए खास रणनीति बनाकर काम किया जा रहा है। गौरतलब है कि बसपा का पहले हरिद्वार में अच्छे प्रदर्शन का इतिहास रहा है।
वहीं पूर्व सीएम हरीश रावत व पार्टी अध्यक्ष गणेश गोदियाल से तनातनी के बीच सोमवार को किशोर उपाध्याय लखनऊ पहुंच गए। यहां उन्होंने सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव से मुलाकात की। उनकी इस मुलाकात के साथ ही भाजपा के बजाए अब सपा में उनके जाने का शोर उठने लगा है।
सपा के प्रदेश प्रभारी राजेंद्र चौधरी ने बताया कि कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष एवं वनाधिकार आंदोलन के प्रणेता किशोर उपाध्याय ने सोमवार को समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव से मुलाकात की। उन्होंने गंगा-यमुना एवं हिमालय को बचाने व वनवासियों को वनों पर उनके पुश्तैनी अधिकार दिलाने आदि मुद्दों पर चर्चा की। उन्होंने इस संबंध में ज्ञापन भी दिया। उपाध्याय ने अखिलेश यादव से संसद के वर्तमान सत्र में इन मुद्दों को उठाने का आग्रह करते हुए कहा कि इस सद्प्रयास के लिए उन्हें सभी साधुवाद देंगे। इस अवसर पर पूर्व कैबिनेट मंत्री राजेन्द्र चौधरी एवं उत्तराखंड समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष डॉ.सत्य नारायण सचान भी मौजूद थे।
किशोर उपाध्याय ने हिमालयी नदियों में कम हो रहे पानी और प्रदूषण पर ध्यान आकर्षित करते हुए कहा कि गंगा के न रहने पर गोमुख से गंगा सागर तक एक विशाल रेगिस्तान बनने की आशंका बलवती होती जा रही है। अखिलेश यादव को इस संबंध में ज्ञापन देकर मांग की गई है कि जल-जंगल और जमीन पर स्थानीय समुदायों का अधिकार हो और उन पर उनके पुश्तैनी अधिकार और हक-हकूक बहाल किए जाएं। हिमालय के लिए सतत समावेशी विकास की नीति बनाई जाए। हिमालयी क्षेत्र के विकास के लिए केन्द्र में अलग मंत्रालय का गठन किया जाए क्योंकि मध्य हिमालय के विकास का कोई मॉडल अभी तक विकसित नहीं हुआ है।
ज्ञापन में कहा कि मंडल कमीशन के 27 प्रतिशत आरक्षण के सभी मानकों पर मध्य हिमालय के निवासी खरे उतरते हैं और उन्हें केन्द्र सरकार की आरक्षण की परिधि में शामिल किया जाए। अखिलेश यादव ने आश्वस्त किया कि समाजवादी पार्टी हर मंच पर हिमालय, गंगा, यमुना तथा पर्यावरण बचाने के संघर्ष में सहयोगी होगी। अखिलेश से उनकी मुलाकात के साथ ही अब उनके सपा में शामिल होने की चर्चाओं ने जोर पकड़ लिया है।