Aditya L1 Video: चंद्रयान 3 के बाद अब आदित्य एल1 ने ली सेल्फी, पृथ्वी और चंद्रमा का दिखा अद्भुत नजारा
बेंगलुरु: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने वीरवार को देश के पहले सूर्य मिशन ‘आदित्य-एल1′ में लगे कैमरे द्वारा ली गई अंतरिक्ष यान की “सेल्फी” और पृथ्वी तथा चंद्रमा की तस्वीरें जारी कीं। ‘आदित्य-एल1′ द्वारा ली गईं ये पहली तस्वीरें हैं। लक्षित कक्षा में पहुंचने के बाद यह अंतरिक्ष यान जमीन पर स्थित स्टेशन को विश्लेषण के लिए हर रोज 1,440 तस्वीरें भेजेगा।
https://twitter.com/isro/status/1699663615169818935?s=20
अंतरिक्ष एजेंसी ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, “सूर्य-पृथ्वी एल1 बिंदु के लिए रवाना हुए ‘आदित्य-एल1′ ने सेल्फी ली और पृथ्वी तथा चंद्रमा की तस्वीरें लीं।” तस्वीरों में ‘विजिबल एमिशन लाइन कोरोनाग्राफ’ (वीईएलसी) और सोलर अल्ट्रावॉयलेट इमेजर (एसयूआईटी) उपकरण दिखाई देते हैं, जैसा कि 4 सितंबर, 2023 को आदित्य-एल1 पर लगे कैमरे द्वारा देखा गया था। इसरो ने कैमरे द्वारा ली गईं पृथ्वी और चंद्रमा की तस्वीरें भी साझा कीं। वीईएलसी ‘आदित्य एल1′ का प्राथमिक उपकरण है जो बेंगलुरु स्थित भारतीय ताराभौतिकी संस्थान (IIA) द्वारा बनाया गया है।
अंतरिक्ष एजेंसी ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, “सूर्य-पृथ्वी एल1 बिंदु से संबंधित ‘Aditya L-1′ ने सेल्फी और पृथ्वी तथा चंद्रमा की तस्वीरें लीं।” तस्वीरों में ‘विजिबल एमिशन लाइन कोरोनाग्राफ’ (वीईएलसी) और सोलर अल्ट्रावॉयलेट इमेजर (suiit) उपकरण दिखाई देते हैं, जैसा कि 4 सितंबर, 2023 को Aditya L-1 पर लगे कैमरे द्वारा देखा गया था। इसरो ने कैमरे द्वारा ली गईं पृथ्वी
और चंद्रमा की तस्वीरें भी साझा कीं।
सूर्य की दिशा में पृथ्वी से 15 लाख किमी दूर ‘Aditya-L1′
अंतर-विश्वविद्यालय खगोल विज्ञान और खगोल भौतिकी केन्द्र (IUCAA), पुणे ने IUCAA उपकरण का निर्माण किया है। आईआईए के अधिकारियों के अनुसार, VELC लक्षित कक्षा में पहुंचने पर विश्लेषण के लिए प्रतिदिन 1,440 तस्वीर जमीनी स्टेशन को भेजेगा। इसरो ने दो सितंबर को अपने विश्वसनीय PSLV-C57 रॉकेट के जरिए ‘आदित्य-एल1′ को सफलतापूर्वक प्रक्षेपित किया था। ‘Aditya-L1′ अंतरिक्ष यान सूर्य का अध्ययन करने के लिए अपने साथ कुल सात उपकरण लेकर गया है, जिनमें से चार सूर्य से प्रकाश का निरीक्षण करेंगे और शेष तीन उपकरण प्लाज्मा एवं चुंबकीय क्षेत्र के यथास्थान मापदंडों को मापेंगे। इस अंतरिक्ष यान को लैग्रेंजियन बिंदु 1 (L1) पर एक प्रभामंडल कक्षा में स्थापित किया जाएगा, जो सूर्य की दिशा में पृथ्वी से 15 लाख किमी दूर है। यह सूर्य के चारों ओर समान सापेक्ष स्थिति में चक्कर लगाएगा और इसलिए लगातार सूर्य पर नजर रख सकता है।