अदाणी समूह ने जीक्यूजी पार्टनर्स को 15,446 करोड़ रुपये की हिस्सेदारी बेची, इन कंपनियों में हुई डील
नई दिल्ली: बाजार नियामक संस्था सेबी को अडाणी ग्रुप (Adani Group) के प्रोमोटर्स की ओर से सेकेंड्री मार्केट ट्रांजैक्शन के जरिए पैसे जुटाने की जानकारी दी गई है. ग्रुप की ओर एक बयान में बताया गया है कि ग्रुप के प्रोमोटर्स ने एक ब्लॉक डील के जरिए 15,446 करोड़ रुपये जुटाए हैं. बयान में बताया गया है कि अमेरिका की ग्लोबल इन्वेस्टमेंट फर्म, GQG पार्टनर्स ने 15,446 करोड़ रुपये में अडाणी ग्रुप की पोर्टफोलियो कंपनियों में हिस्सा खरीदा है.
GQG Partners के चेयरमैन राजीव जैन ने कहा कि हमारा मानना है इन कंपनियों के लिए लॉन्ग टर्म में ग्रोथ की काफी संभावनाएं हैं, और हम इन कंपनियों में निवेश करके खुश हैं जो भारत की अर्थव्यवस्था, इंफ्रास्ट्रक्चर और एनर्जी ट्रांजिशन को आगे बढ़ाने में मदद करेंगी.
अडाणी समूह के सीएफओ जुगशिंदर सिंह (रॉबी) ने कहा कि जीक्यूजी के साथ सौदा संचालन व्यवस्था, प्रबंधन गतिविधियों और अडाणी कंपनियों में वैश्विक निवेशकों के लगातार भरोसे को दर्शाता है. बयान के मुताबिक इस निवेश के साथ जीक्यूजी भारतीय बुनियादी ढांचे के विकास और वृद्धि में एक प्रमुख निवेशक बन गया है.
बताया गया है कि GQG पार्टनर्स ने चार कंपनियों में डील के जरिए निवेश किया है. डील में GQG पार्टनर्स ने अडाणी एंटरप्राइजेज में 3.39%, अडाणी पोर्ट्स में 0.04%,अडाणी ट्रांसमिशन में 2.55% और अडाणी ग्रीन एनर्जी में 3.51% हिस्सा खरीदा है.
समूह ने एक बयान में कहा कि अडाणी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक जोन लिमिटेड (एपीसेज), अडाणी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड (एजीईएल), अडाणी ट्रांसमिशन लिमिटेड (एटीएल) और अडाणी एंटरप्राइजेज लिमिटेड (एईएल) की कुछ हिस्सेदारी अमेरिकी कंपनी को डील के तहत दी है. गौरतलब है कि अमेरिकी कंपनी ने अडाणी के शेयरों को लेने उस समय दिलचस्पी दिखाई है जिस समय अडाणी समूह के शेयरों में अमेरिकी रिसर्च और शॉर्टसेलिंग फर्म हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के बाद समूह की कंपनियों के शेयर में गिरावट आई थी. ऐसे में अमेरिकी निवेश फर्म के अडाणी ग्रुप की चार कंपनियों में रुचि से बाजार में पॉजिटिव संकेत के जाने का स्पष्ट आसार है.
अडाणी समूह पर 2.21 लाख करोड़ रुपये का कुल ऋण है, जिसका लगभग आठ प्रतिशत अगले वित्त वर्ष के अंत तक चुकाना है.
गौरतलब है कि एईएल में बिक्री से पहले प्रमोटरों की 72.6 प्रतिशत हिस्सेदारी थी और इसमें 3.8 करोड़ शेयर या 3.39 प्रतिशत हिस्सेदारी 5,460 करोड़ रुपये में बेची गई. एपीसेज में प्रमोटरों की 66 प्रतिशत हिस्सेदारी थी और इसमें 8.8 करोड़ शेयर या 4.1 प्रतिशत हिस्सेदारी 5,282 करोड़ रुपये में बेची गई.एटीएल में प्रमोटरों की 73.9 फीसदी हिस्सेदारी थी और इसमें 2.8 करोड़ शेयर या 2.5 फीसदी हिस्सेदारी 1,898 करोड़ रुपये में बेची गई. एजीईएल में प्रमोटरों की 60.5 प्रतिशत हिस्सेदारी थी और इसमें 5.5 करोड़ शेयर या 3.5 प्रतिशत हिस्सेदारी 2,806 करोड़ रुपये में बेची गई.