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Adani Group को मॉरीशस से मिली क्लीन चिट, वित्त मंत्री ने कहा- यहां अदाणी की कोई शेल कंपनी नहीं

अडानी समूह के लिए मारीशस से राहत की खबर आई है. फाइनैंशियल सर्विसेज मंत्री महेन कुमार सीरुट्टन ने वहां के संसद को बताया है कि मारीशस में कोई भी शेल कंपनी मौजूद नहीं है और हिंडनबर्ग ने अडानी समूह के खिलाफ जो आरोप लगाये हैं वो पूरी तरह झूठ और बेबुनियाद है. उन्होंने कहा कि मारीशस ओइसीडी के टैक्स नियमों का पूरी तरह अनुपालन करता है.

24 जनवरी 2023 को हिंडनबर्ग ने अपने रिसर्च रिपोर्ट में ये आरोप लगाया था कि गौतम अडानी की अडानी समूह मारीशस की शेल कंपनियों के जरिए स्टॉक एक्सचेंज पर लिस्टेड कंपनियों के शेयरों के भाव के साथ हेरफेर करती है. मारीशस के संसद में एक सांसद ने लिखित नोटिस देकर हिंडनबर्ग के आरोपों को लेकर सवाल पूछा था. जिसके जवाब में वहां के मंत्री ने कहा कि देश का कानून यहां शेल कंपनियों को इजाजत नहीं देता है.

उन्होंने कहा कि मैं सदन को बताना चाहता हूं मारीशस में शेल कंपनियों की मौजूदगी का आरोप गलत और बेबुनियाद है. उन्होंने कहा कि यहां के कानून के मुताबिक शेल कंपनियों को काम करने की इजाजत नहीं है. फाइनैंशियल सर्विसेज कमीशन से लाइसेंस प्राप्त सभी ग्लोबल बिजनेस कंपनियों को सभी मानकों को पूरा करना होता है और कमीशन उनपर कड़ी नजर रखता है. और अब तक ऐसी कोई उल्लंघन की बात नहीं पाई गई है.

फाइनैंशियल सर्विसेज मंत्री के मुताबिक फाइनैंशियल सर्विसेज कमीशन ने हिंडनबर्ग रिपोर्ट का संज्ञान लिया है लेकिन रेग्यूलेटर गोपनीयता के नियम के प्रति बंधा हुआ है इसलिए उनके लिए किसी भी प्रकार के डिटेल्स देना उचित नहीं है. जांच की बात को फाइनैंशियल सर्विसेज कमीशन ना तो स्वीकार करता है और ना उसे ठुकरा रहा है. ग्लोबल बिजनेस कंपनियों की जानकारी का खुलासा करना फाइनैंशियल सर्विसेज एक्ट का उल्लंघन माना जाएगा और इससे हमारे प्रतिष्ठा पर आंच आ सकती है.

हिंडनबर्ग के रिपोर्ट के सामने आने के बाद अडानी समूह के शेयरों में बड़ी गिरावट देखने को मिली थी. समूह का मार्केट कैप 19 लाख करोड़ रुपये से घटकर 7 लाख करोड़ रुपये के करीब गिर गया. शेयरों के भाव 80 फीसदी से ज्यादा नीचे जा लुढ़के थे.

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