अपराधउत्तर प्रदेशराज्य

लखनऊ में सीएचसी में डाक्टर की मेज पर पिस्टल का वीडियो वायरल होने के बाद डिप्टी सीएम का एक्शन, तबादला के साथ जांच

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के लखनऊ से एक डॉक्टर के अजीबो-गरीब इलाज का वीडियो वायरल हो रहा है। इसमें डॉक्टर मेज पर पिस्तौल रखकर मरीजों का इलाज करता देखा जा रहा है। दरअसल, मलिहाबाद सीएचसी में तैनात डॉ. जीतेंद्र वर्मा का एक विडियो वायरल हो रहा है, जिसमें वह मेज पर खुली पिस्तौल रखकर मरीजों को देख रहे हैं। यह वीडियो सामने आने के बाद स्वास्थ्य विभाग में शनिवार को खलबली मची और वीडियो की सत्यता की जांच करवाई गई। इसके बाद शनिवार को ही डॉक्टर का तबादला कर दिया गया। अब डॉक्टर के इलाज के इस अजीबो-गरीब तरीके पर सवाल उठने लगे हैं।

डॉ. जीतेंद्र पर पहले भी कई आरोप लग चुके हैं। इन शिकायतों के बाद भी उन्हें सुधार का मौका दिया गया था, लेकिन कोई बदलाव नहीं आया। इस बारे में पूछने पर सीएचसी अधीक्षक डॉ. सोमनाथ सिंह ने बताया कि डॉ. जितेन्द्र वर्मा को दूसरे स्थान पर भेज दिया गया है। सीएमओ डॉ. मनोज अग्रवाल के आदेश पर उन्हें हटाया गया है। वायरल वीडियो में उन्हें मेज पर पिस्तौल रखकर मरीज की जांच करते देखा गया। वे मरीजों की दवा लिखते दिखाई दिए थे। पिस्तौल लाइसेंसी बताई जा रही है, लेकिन सरकारी अस्पताल के डॉक्टर के इस प्रकार के इलाज पर हंगामा मचने के बाद उनके खिलाफ कार्रवाई की गई।

डिप्टी सीएम ने भी लिया मामले का संज्ञान

मेज पर पिस्तौल रखकर इलाज करने के मामले का संज्ञान डिप्टी सीएम और प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री ब्रजेश पाठक ने लिया है। उन्होंने स्वास्थ्य महानिदेशक को मामले की जांच करने और डॉक्टर के दोषी पाए जाने की स्थिति में उसके खिलाफ कार्रवाई का निर्देश दिया। वायरल वीडियाे मामले में सीएमओ डॉ. मनोज अग्रवाल ने कहा कि इसें डॉ. जितेंद्र सिंह दिख रहे हैं। उनका ट्रांसफर कर दिया गया है। यह एक उदाहरण है कि अनुशासनहीनता को किसी भी मामले में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

नशे की स्थिति में मरीजों का इलाज करते पाए गए थे डॉक्टर

डॉ. जितेंद्र सिंह पहले से ही जांच के दायरे में हैं। 9 मार्च को उनका एक वीडियो वायरल हुआ था इसमें वे कथित तौर पर नशे की हालत में मरीजों का इलाज करते नजर आए थे। इस मामले में अब पैनल ने जांच तेज करने का आदेश दिया है। जांच पूरी नहीं होने और धीमी जांच के मामले में सीएमओ की ओर से निर्देश दिया गया है कि जांच समिति अपने कार्य में तेजी लाए। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने कहा कि डॉक्टर राजपत्रित कर्मचारी हैं, इसलिए तबदला सजा के तौर पर लिया जाना चाहिए।

स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि राजपत्रित अधिकारी को निलंबित करने की शक्ति स्वास्थ्य महानिदेशक के पास है। इस मामला के सामने आने के बाद डिप्टी सीएम ने कहा कि उन्होंने दोषी डॉक्टर को निलंबित करने का निर्देश जारी किया है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
Verified by MonsterInsights