50 साल के पुलिसकर्मियों को जबरन किया जाएगा रिटायर, मुख्यालय को रिपोर्ट भेजेगी कमेटी; जानें किन बिंदुओं पर होती है स्क्रीनिंग
लखनऊ. उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 (UP Assembly Election) में स्पष्ट बहुमत के साथ सत्ता में वापसी करने वाली योगी सरकार (Yogi Government) की कार्रवाई शुरू हो गई है. इसी कड़ी में उत्तर प्रदेश में 50 साल की उम्र पार कर चुके पुलिसकर्मियों को जबरन रिटायर करने के लिए स्क्रीनिंग रिपोर्ट आगामी 20 मार्च तक मुख्यालय में जमा करने के निर्देश दिए गए हैं. विभाग ने सभी जिलों के पुलिस कप्तानों और पुलिस आयुक्तों को पत्र लिखकर 50 साल या इससे अधिक उम्र के पुलिसकर्मियों की स्क्रीनिंग कराने को कहा था और 30 नवंबर 2021 तक स्क्रीनिंग रिपोर्ट मांगी थी. लेकिन अभी तक सभी पुलिसकर्मियों की यह रिपोर्ट मुख्यालय में जमा नहीं की गई है. इसे लेकर मुख्यालय ने एक नोटिस जारी किया है और 20 मार्च 2022 तक हर हाल में रिपोर्ट मांगी है.इस रिपोर्ट के आधार पर दागी, भ्रष्ट और बैड वर्क एंड कंडक्ट वाले पुलिसकर्मियों को जबरन रिटायर किया जाएगा. यह लिस्ट तैयार करने वाले अफसरों को रिमाइंडर भेजा गया है और जब यह काम करने केंद्र तेज दिए गए हैं. हर साल स्थापना विभाग यह कवायद करता है. 50 पार पुलिसकर्मियों की स्क्रीनिंग में उनकी एसीआर यानि एनुअल कॉन्फिडेंशियल रिपोर्ट की महत्वपूर्ण भूमिका होगी.
इस रिपोर्ट के आधार पर दागी, भ्रष्ट और बैड वर्क एंड कंडक्ट वाले पुलिसकर्मियों को जबरन रिटायर किया जाएगा. यह लिस्ट तैयार करने वाले अफसरों को रिमाइंडर भेजा गया है और जब यह काम करने केंद्र तेज दिए गए हैं. हर साल स्थापना विभाग यह कवायद करता है. 50 पार पुलिसकर्मियों की स्क्रीनिंग में उनकी एसीआर यानि एनुअल कॉन्फिडेंशियल रिपोर्ट की महत्वपूर्ण भूमिका होगी.
एसीआर में कर्मचारियों के कार्य का मूल्यांकन, उनका चरित्र, व्यवहार, कार्य क्षमता और योग्यता की जानकारी दी गई होती है. स्क्रीनिंग कमेटी सभी कर्मचारियों की एसीआर देखती है. उसके आधार पर निर्णय लिया जाता है.
मुताबिक 30 मार्च 2021 तक जिन पुलिसकर्मियों की उम्र 50 या इससे अधिक होगी उनकी स्क्रीनिंग कराई जाएगी. इसके आधार पर पुलिस विभाग इसके आधार पर भ्रष्ट, दागी, लापरवाह और अनुशासनहीन पुलिसकर्मियों को जबरन रिटायर करने की कार्रवाई करेगा. पिछले कुछ सालों में कानून व्यवस्था सुधारने के लिए सरकार ने कई आईएएस अफसरों सहित सैकड़ों पुलिसकर्मियों को जबरन रिटायरमेंट देने का फैसला किया है. सरकार की कोशिश है कि इसके जरिए कानून व्यवस्था सुधारी जाए.