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3 साल की मासूम की जिंदा जलकर मौत, गाय की भी गई जान; चीखों से गूंज उठा गांव

कस्बे के मदन मोहन मालवीय नगर में शनिवार को पशुबाड़े में लगी आग से अंदर सो रही तीन वर्षीय बालिका जिंदा जल मरी। पुलिस और राजस्व विभाग की टीम ने मौका मुआयना किया है। आग लगने के कारण का पता नहीं चल सका है। मदन मोहन मालवीय नगर निवासी बाबूलाल ईंट भट्ठे में रहकर मजदूरी करता है। घर में उसकी पत्नी फूलपति अपने चार बच्चों के साथ रहती है। बाबूलाल की एक गाय बच्चा देने वाली थी। इसके लिए परिवार के लोगों ने घर के बगल में ही मड़हानुमा पशुबाड़ा बना रखा था। शनिवार शाम करीब पांच बजे फूलपति अपनी तीन वर्षीय बेटी नंदिनी के साथ पशुबाड़े में थी। इस दौरान नंदिनी को नींद आ गई तो फूलपति ने पशुबाड़े में ही चारपाई बिछाकर उसे सुला दिया। इसके बाद वह पड़ोस में रहने वाले अपने ससुर के घर चल गई।

फूलपति के जाने के कुछ देर बाद पशुबाड़े में आग लग गई। बाहर खेल रहे फूलपति के बेटे साहिल, पुल्ली और गुड्डू ने शोर मचाया तो मोहल्ले के लोग पहुंचे। लोगों ने किसी तरह अंदर बंधी गाय को बाहर निकाल लिया, लेकिन अंदर सो रही नंदिनी के बाबत उन्हें जानकारी नहीं हो सकी। फूलपति जब मौके पर पहुंची तब लोगों को चारपाई पर सो रही बेटी के बारे में बताया। लोगों ने किसी तरह मलबा हटाकर नंदिनी को बाहर निकाला तब तक वह उसकी मौत हो चुकी थी। ग्रामीणों की सूचना पर पुलिस व राजस्व कर्मी मौके पर पहुंचे। लेखपाल सतीश कुमार ने प्रकरण की जानकारी अफसरों को देने की बात कही है।

बाजार का दिन होने से बस्ती में था सन्नाटा

कस्बे में शनिवार को स्थानीय बाजार लगती थी। इस वजह से बस्ती के ज्यादातर लोग बाजार गए थे। नंदिनी के भाई साहिल आदि आग की लपटों को देख रोते-बिलखते हुए मदद की गुहार लगाते रहे, लेकिन लोगों को पहुंचने में काफी देर हो गई।

मवेशी चोरों की थी दहशत

फूलचंद्र, रमेश आदि का कहना है कि पिछले कुछ दिनों से मवेशी चोरी की घटनाएं हो रही थी। इसकी वजह से लोग मवेशियों की रखवाली कर रहे थे। यहीं कारण रहा कि फूलपति ने भी घर के पास अपनी गाय बांधने का इंतजाम कर लिया था। दिन व रात में वह रखवाली के लिए पशुबाड़े में ही रहती थी।

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