अपराध

17 वर्षीय नाबालिग के साथ घर में घुसकर की छेड़छाड़, 5 साल कठोर कारावास की सुनाई सजा

पाली। ब्यावर जिले के जैतारण थाने में दर्ज इस इस मामले में पाली के पॉक्सो कोर्ट संख्या दो के जज जगदीश जाणी ने दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं की बहस सुनने के बाद अभियुक्त संदीप को छेड़छाड़ का दोषी मानते हुए 5 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है। कोर्ट के विशिष्ठ लोक अभियोजक मनीष ओझा ने बताया कि ब्यावर जिले के जैतारण थाने में 17 मई 2024 को पीड़िता के पिता ने रिपोर्ट दर्ज करवाई थी कि 15 मई को वह फैक्ट्री में काम पर गया हुआ था और उसकी पत्नी मनरेगा में काम करने गई हुई थी।

इस दौरान घर पर उसकी 17 वर्षीय पुत्री को घर में अकेला पाकर संदीप पुत्र सुवादास ने जबरदस्ती घर में घुसकर घर में रखी कैंची से उनकी नाबालिग बेटी पर वार किया और डराकर उससे छेड़छाड़ की और दुष्कर्म करने का प्रयास किया। इतना ही नहीं उसकी इस हरकत का जब नाबालिग ने विरोध किया तो आरोपी ने मुक्के मारकर उसे घायल कर दिया। जैसे-तैसे हिम्मत करके नाबालिग उसके चंगुल से छूटकर घर से बाहर आ गई। इस पर आरोपी वहां से चला गया और घटना की जानकारी किसी को देने पर पिता और भाई को चाकू से मारने की धमकी दी।

पीड़िता के पिता के अनुसार शाम को जब उनकी पत्नी घर आई तो उनकी नाबालिग बेटी ने रोते हुए सारी घटना की जानकारी अपनी मां को दी। जिस पर पुलिस ने मामला दर्ज कर मामले की जांच शुरू करते हुए आरोपी संदीप पुत्र सुवादास वैष्णव को हिरासत में लेकर कोर्ट में पेश किया,जहां से उसे जेल भेजा गया।

मामले में पाली के पॉक्सो कोर्ट संख्या दो के जज जगदीश जाणी ने फैसला सुनाया है, जिसमें अभियुक्त संदीप पुत्र सुवादास वैष्णव को नाबालिग से छेड़छाड़ का दोषी मानते हुए पांच साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है और साथ ही 10 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है।  जुर्माना राशि अदा नहीं करने पर छह माह के अतिरिक्त कारावास की सजा सुनाई है।

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