न्यूक्लियर प्लांट पर रूसी हमले से भड़के जेलेंस्की, दुनिया से की ये मांग
रूसी सेना ने यूक्रेन में यूरोप के सबसे बड़े जापुरीझझिया न्यूक्लियर पावर प्लांट (NPP) के आस पास के क्षेत्र को अपने कब्जे में ले लिया है. रूसी सेना यहां हर तरफ से गोलीबारी कर रही है. इस घटना के बाद यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की ने रूस को ‘परमाणु आतंकवाद’ करार दिया है. ज़ेलेंस्की ने मास्को पर ‘परमाणु आतंक’ का सहारा लेने और चेर्नोबिल परमाणु दुर्घटना को दोहराने की इच्छा रखने का आरोप लगाया है
ज़ेलेंस्की ने एक वीडियो संदेश में कहा, “रूस के अलावा किसी भी देश ने कभी भी न्यूक्लियर पावर प्लांट पर गोलीबारी नहीं की है. यह मानव जाति के इतिहास में पहली बार है. ‘आतंकवादी देश’ ने अब परमाणु आतंक का सहारा लेना शुरू कर दिया है.”
ब्रिटेन ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की आपात बैठक बुलाई
यूक्रेन में परमाणु संयंत्र में गोलीबारी के बाद ब्रिटेन ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की आपात बैठक बुलाई है. इसको लेकर अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (आईएईए) ने गंभीर खतरे की चेतावनी दी है. साथ ही आईएईए ने कहा कि हम स्थिति के बारे में यूक्रेनी अधिकारियों के संपर्क में है और परमाणु ऊर्जा संयंत्र (एनपीपी) पर गोलाबारी की खबरों से भी अवगत है
रूस और अमेरिका के पास 90 प्रतिशत परमाणु हथियार
बता दें, रूस और अमेरिका के पास कुल मिलाकर वैश्विक परमाणु हथियारों का 90 प्रतिशत से अधिक हिस्सा है. दोनों के पास अपने परमाणु हथियार, मिसाइल और विमान वितरण प्रणाली और उत्पादन सुविधाओं को बदलने और आधुनिक बनाने के लिए व्यापक और महंगे प्रोजेक्ट चल रहे हैं. दोनों देशों ने इनमें से लगभग 2000 को हाई ऑपरेशनल अलर्ट की स्थिति में रखा है.
एक स्वीडिश थिंक टैंक के अनुसार, स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (सिप्री) की रिपोर्ट पिछले साल जारी की गई थी, जिसमें कहा गया है कि नौ परमाणु हथियार संपन्न देश – संयुक्त राज्य अमेरिका, रूस, युनाइटेड किंगडम, फ्रांस, चीन, भारत, पाकिस्तान, इजराइल और डेमोक्रेटिक पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ कोरिया (उत्तर कोरिया) के पास 2021 की शुरुआत में अनुमानित 13,080 परमाणु हथियार थे. रिपोर्ट में कहा गया है कि सैन्य बलों के साथ तैनात परमाणु हथियारों की अनुमानित संख्या 2021 में बढ़कर 3,825 हो गई, जो 2020 में 3720 थी.