एक्सप्रेसवे पर पब्लिक चार्जिंग स्टेशंस का नेटवर्क विकसित करेगी योगी सरकार, ‘ई-मोबिलिटी’ को मिलेगा बढ़ावा
उत्तर प्रदेश में यमुना एक्सप्रेसवे, आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे, बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे, पूर्वांचल एक्सप्रेसवे व गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे पर ई-व्हीकल के लिए 'बैटरी स्वैपिंग' व्यवस्था युक्त चार्जिंग स्टेशंस का होगा विकास
- एक्सप्रेसवे पर पब्लिक चार्जिंग स्टेशंस का नेटवर्क विकसित करेगी योगी सरकार, ‘ई-मोबिलिटी’ को मिलेगा बढ़ावा
- उत्तर प्रदेश में यमुना एक्सप्रेसवे, आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे, बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे, पूर्वांचल एक्सप्रेसवे व गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे पर ई-व्हीकल के लिए ‘बैटरी स्वैपिंग’ व्यवस्था युक्त चार्जिंग स्टेशंस का होगा विकास
- *-सीएम योगी की मंशा के अनुरूप, उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवेज औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीडा) ने शुरू की कार्ययोजना को मूर्त रूप देने की प्रक्रिया*
- *-यूपीडा ने पीपीपी मॉडल पर आधारित चार्जिंग स्टेशंस को विकसित करने के लिए आवेदनकर्ताओं से मांगे आवेदन, आरपीएफ प्रक्रिया में चार्ज प्वॉइंट ऑपरेटर के लिए जरूरी दिशा-निर्देश भी किए जारी*
- *-चार्जिंग स्टेशंस के विकास के लिए चयनित आवेदनकर्ताओं को नॉमिनल लीज पर 10 वर्षों के लिए जमीन देगा यूपीडा, ‘बिहाइंड द मीटर पावर स्ट्रक्चर’ के विकास के लिए 100 प्रतिशत फाइनेंशियल सपोर्ट भी देगा यूपीडा
लखनऊ । उत्तर प्रदेश में विकास की नई गाथा लिख रही योगी सरकार आर्थिक, व्यापारिक और औद्योगिक उन्नति के साथ ही प्रदेश में एक्सप्रेसवे के कायाकल्प को लेकर भी व्यापक प्रयास कर रही है। चाहें बात अवसंरचना विकास की हो या फिर वर्ल्ड क्लास सुविधाओं से लैस करने की हो, सीएम योगी की मंशा अनुरूप उत्तर प्रदेश सरकार लगातार इस दिशा में नए समीकरणों पर कार्य कर रही है। इसी क्रम में, राज्य के यमुना एक्सप्रेसवे, आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे, बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे, पूर्वांचल एक्सप्रेसवे व गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे पर ई-व्हीकल के लिए ‘बैटरी स्वैपिंग’ व्यवस्था युक्त चार्जिंग स्टेशंस के इंस्टॉलेशन के लिए भी योगी सरकार ने प्रक्रिया शुरू कर दी है। इस क्रम में, उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवेज औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीडा) ने प्रदेश में एक्सप्रेसवे रूट्स पर ‘बैटरी स्वैपिंग’ व्यवस्था युक्त पब्लिक ईवी चार्जिंग स्टेशंस की स्थापना करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इन पब्लिक चार्जिंग स्टेशंस का विकास पीपीपी मॉडल के आधार पर किया जाएगा तथा इन स्टेशंस के विकास के लिए इच्छुक आवेदकों से ई-टेंडर पोर्टल के जरिए आवेदन मांगे गए हैं। इसके साथ ही, आरपीएफ प्रक्रिया में चार्ज प्वॉइंट ऑपरेटर के लिए जरूरी दिशा-निर्देश भी जारी किए गए हैं। खास बात यह है कि चार्जिंग स्टेशंस के विकास के लिए चयनित आवेदनकर्ताओं को नॉमिनल लीज पर 10 वर्षों के लिए यूपीडा जमीन देगा। वहीं, ‘बिहाइंड द मीटर पावर स्ट्रक्चर’ के विकास के लिए यूपीडा 100 प्रतिशत फाइनेंशियल सपोर्ट भी देगा।
*यूपीपीसीएल की भी रहेगी अहम भूमिका*
यूपीडा द्वारा पीपीपी मॉडल पर आधारित पब्लिक चार्जिंग स्टेशंस के लिए ई-टेंडर पोर्टल के जरिए 20 अक्टूबर को निविदा प्रस्तुत की गई है। इसके अनुसार, 11 नवंबर से इच्छुक आवेदक आवेदन प्रस्तुत कर सकेंगे तथा 28 नवंबर इसकी अंतिम तिथि होगी जिसके उपरांत 29 नवंबर को निविदा खुलेगी। इसके लिए टेंडर फीस 5900 रुपए रखी गई है जबकि ईएमडी अमाउंट 5 लाख रुपए रखी गई है। इस निविदा के जरिए चार्ज प्वॉइंट ऑपरेटर का चयन होगा जो पब्लिक चार्जिंग स्टेशन का विकास करेगा और यूपीडा उसे भूमि आवंटन समेत तमाम सहूलियतें देगा। यूपीडा चार्ज प्वॉइंट ऑपरेटर को ‘बिहाइंड द मीटर पावर स्ट्रक्चर’ के विकास के लिए 100 प्रतिशत फाइनेंशियल सपोर्ट भी देगा तथा इस प्रक्रिया में उत्तर प्रदेश पावर कार्पोरेशन लिमिटेड (यूपीपीसीएल) भी एक अहम निर्णायक भूमिका का निर्वहन करेगा।
*ईवी को लेकर प्रदेश सरकार का विजन है स्पष्ट*
योगी सरकार की प्राथमिकता है कि प्रदेश में इलेक्ट्रिक व्हीकल को बढ़ावा देने के लिए 2000 ईवी चार्जिंग स्टेशनों की स्थापना की जाए। खास बात ये है कि इसमें से आगरा, लखनऊ, प्रयागराज समेत नगर पालिका युक्त शहरों में 1300, राम मंदिर, ताज महल जैसी हेरिटेज साइट्स में 100, मथुरा-वृंदावन व वाराणसी-अयोध्या जैसे टूरिस्ट डेस्टिनेशन प्लेसेज में 200 और प्रदेश के नेशनल व स्टेट हाइवे पर कुल 400 ईवी पब्लिक सर्विस स्टेशन स्थापित करने की दिशा में प्रयास कर रही है। उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश में वर्ष 2022 में नई इलेक्ट्रिक व्हीकल मैनुफैक्चरिंग व मोबिलिटी पॉलिसी को लागू किया था जिसके जरिए प्रदेश में ईवी को विस्तृत प्रोत्साहन दिए जाने की दशा-दिशा तय की गई थी। इसमें रियायत, सब्सिडी समेत कई तरीके के प्रावधान किए गए हैं। ऐसा माना जा रहा है कि 2023 तक भारत में 10.2 करोड़ ईवी होंगे। इन्हें संचालित करने के लिए शहरों में हर तीन किमी पर, हाइवे पर हर 25 किमी पर तथा हेवी ड्यूटी व्हीकल्स वाली रोड पर 100 किमी पर पब्लिक ईवी चार्जिंग स्टेशंस की स्थापना में प्रयास किए जा रहे हैं।