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बीवी और 2 बच्चों को नशे के इंजेक्शन दिए, हथौड़े मारकर की हत्या…फिर रेल कोच फैक्ट्री के डॉक्टर ने भी लगा ली फांसी

रायबरेली में डिप्रेशन के कारण एक सरकारी डॉक्टर का हंसता-खेलता परिवार काल के गाल में समा गया है। डॉक्टर ने अपनी ही पत्नी और बच्चों की बेहद नृशंस तरीके से हत्या कर दी। डॉक्टर ने पहले पत्नी और दोनों बच्चों को दवा देकर बेहोश कर दिया। इसके बाद उनके सिर पर हथौड़े से वारकर मौत की नींद सुला दी। अपनी जान देने के लिए भी डॉक्टर ने पहले हाथ की नस काटी और जब उससे मौत नहीं हुई तो फिर फांसी लगाकर झूल गया। बीवी और बच्चों की हत्या और फिर सुसाइड में पूरे परिवार के सफाया की इस दर्दनाक वारदात से इलाके के लोग हैरान हैं।

आसपास के लोगों के अनुसार डॉक्टर का परिवार मिलनसार और सभी से मिलजुलकर रहता था। पुलिस प्रथमदृष्टया वारदात के पीछे डॉक्टर को डिप्रेशन की बीमारी को कारण मानकर चल रही है। एसपी आलोक प्रियदर्शी ने कहा है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद अन्य चीजें सामने आ सकती हैं। पुलिस कॉल डिटेल की भी जांच कर रही है। पड़ोसियों का कहना है कि इतनी बड़ी घटना के पीछे परिवार में कोई बड़ा विवाद हो सकता है क्योंकि डॉक्टर मरीजों से अच्छे से ही बात-व्यवहार करते थे।

मिर्जापुर निवासी डॉक्टर अरुण कुमार सिंह (45) रायबरेली के आधुनिक रेल कोच कारखाना स्थित अस्पताल में 2017 से नेत्र रोग विशेषज्ञ के पद पर तैनात थे। वह कारखाना परिसर स्थित आवास में ही परिवार के साथ रहते थे। उन्हें और परिवार के अन्य सदस्यों को अंतिम बार रविवार को देखा गया था। दो दिनों तक जब वह ड्यूटी पर नहीं पहुंचे और उनकी कॉल भी रिसीव नहीं हुई तो साथ काम करने वालों को चिंता होने लगी। इस पर सहकर्मी उनके आवास पर पहुंचे। वहां दरवाजा अंदर से बंद मिला। आवाज देने पर भी अंदर से कोई प्रतिक्रिया नहीं हुई। अनहोनी की आशंका पर पुलिस को सूचना दी गई।

पुलिस ने दरवाजा तोड़कर अंदर प्रवेश किया तो वहां का नजारा देखकर दंग रह गए। डॉक्टर अरुण का शव फंदे से लटकता मिला। उनकी पत्नी अर्चना (40), बेटे आरव (चार) और बेटी अरीबा (12) के शव भी वहीं पड़े हुए थे। फॉरेंसिक टीम ने मौके पर पहुंच कर पड़ताल की। पुलिस अधीक्षक (एसपी) आलोक प्रियदर्शी ने बताया कि मौके से जो साक्ष्य मिले हैं उनसे लगता है कि पत्नी और बच्चों को नशे की दवा खिलाकर बेहोश किया गया और फिर हथौड़े से सिर पर वार कर हत्या कर दी।  पुलिस ने कहा कि शुरुआती जांच में पता चला कि डॉक्टर डिप्रेशन से ग्रसित थे।

जघन्य हत्या ही क्यों

आसपास के लोगों के यह बात नहीं पच रही है कि आखिर डॉक्टर ने पत्नी और बच्चों की हत्या के लिए इतना जघन्य तरीका क्यों अपनाया। वह चाहते तो बेहोशी की दवा देकर या डॉक्टर होने के नाते किसी इंजेक्शन वगैरह से भी हत्या कर सकते थे। या फिर चाकू से गला रेत भी सकते थे। लेकिन सिर पर हथौड़ा मारकर पत्नी और मासूम बच्चों की हत्या के पीछे के कारणों पर लोगों में कर तरह की चर्चाएं हैं।

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