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महिला आरक्षण विधेयक पारित करने में सभी दलों के प्रयासों पर गर्व होना चाहिए: सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़

महिला आरक्षण बिल लोकसभा और राज्यसभा दोनों सदनों में पारित हो गया है. इसे लेकर भारत के चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने शनिवार (23 सितंबर) को कहा महिला आरक्षण बिल पारित होने के दौरान संसद में गूंजे सभी दलों के प्रयासों पर गर्व होना चाहिए.

चीफ जस्टिस ने बार काउंसिल ऑफ इंडिया की ओर से आयोजित अंतरराष्ट्रीय वकील सम्मेलन के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए अपनी बातें रखीं. उन्होंने कहा कि ऐसी भावना संविधान के निर्माण के दौरान दिखी थी, जहां दलगत और परस्पर विरोधी विचारधाराओं से ऊपर उठकर सदस्य संविधान का मसौदा तैयार करने के लिए एक स्वर में एक साथ आए.

क्या कहा सीजेआई ने?

सीजेआई चंद्रचूड़ ने कहा, “जहां न्यायपालिका कानून के शासन को बरकरार रखती है, वहीं बार एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. वकील व्यावसायिक दक्षता और सीमा पार लेनदेन में मदद करते हैं और राष्ट्रीय कल्याण और आर्थिक विकास में योगदान देते हैं.” उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि अब वकीलों के लिए वैश्विक परिदृश्य में दुनियाभर में पहुंचने का समय आ गया है.

अपने संबोधन के दौरान सीजेआई ने बताया कि केंद्र सरकार ने ई-कोर्ट परियोजना के तीसरे चरण के लिए 7,000 करोड़ से अधिक का बजट आवंटित किया है. उन्होंने कहा कि संवैधानिक संरचना कार्यपालिका और न्यायपालिका को अलग-अलग छोर पर खड़ा कर सकती है, लेकिन दोनों का उद्देश्य एक ही है- राष्ट्र की प्रगति और समृद्धि.

कानून मंत्री ने सुप्रीम कोर्ट पर क्या कहा?

इससे पहले केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कोरोना महामारी के दौरान दुनिया में सबसे अधिक संख्या में वर्चुअल सुनवाई करने के लिए सुप्रीम कोर्ट की सराहना की थी. महिला आरक्षण बिल के पारित होने के बाद कई तरह के राजनीतिक कमेंट भी आने शुरू हो गए हैं. कई विपक्षी नेताओं ने इसे तत्काल लागू करने की मांग कर दी. इस बिल का कई बॉलीवुड हस्तियों ने भी स्वागत किया. महिला आरक्षण का सभी दलों ने समर्थन किया था.

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