मथुरा में कंगना रनौट ने किए बांंके बिहारी के दर्शन, बोलीं- मेरा किसी पार्टी से संबंध नहीं
मथुरा: बॉलीवुड एक्ट्रेस कंगना रनौत ( Kangana Ranaut Visited Banke Bihari mandir) शनिवार को श्री कृष्ण जन्मभूमि मथुरा स्थित ठाकुर बांके बिहारी के दर्शन करने उनकी शरण पहुंची. पहली बार वृंदावन आईं कंगना मंदिर में पूरी तरह से आध्यात्मिक रंग में रंगी नजर आईं. अमावस्या के चलते मंदिर में भारी भीड़ होने के बावजूद एक्ट्रेस ने पूरी आस्था के साथ ठाकुर महाराज के दर्शन और पूजा-अर्चना की. इस दौरान हजारों की संख्या में उनके फैंस जमा हो गए. इस बीच कंगना ने मीडिया से बातचीत में कहा कि वह किसी पार्टी से संबंध नहीं रखती हैं, जो राष्ट्रवादी हैं वह उन्हीं के साथ हैं.
जो सच्चे हैं देशभक्त हैं उन्हें मेरी बातें सही लगेंगी-कंगना
मंदिर के सेवायत गोस्वामियों ने कंगना का माल्यार्पण, पटुका ओढ़ाकर एवं ठाकुरजी की प्रसादी देकर उनका स्वागत किया. इस दौरान वह पत्रकारों से रूबरू हुईं. कंगना ने उनके बयान को लेकर कुछ लोगों में रोष के सवाल पर कहा कि जिन लोगों के मन में चोर है, उनको ही तकलीफ होती है. जो सच्चे हैं देशभक्त हैं और राष्ट्रहित में बात करते हैं, उनको मेरी बातें सही लगेंगी. वहीं, 2022 के चुनाव में भाजपा के लिए प्रचार करने के सवाल पर उन्होंने कहा कि मैं किसी पार्टी से बिलॉन्ग नहीं करती हैं. जो राष्ट्रवादी हैं, मैं उनके लिए चुनाव प्रचार करूंगी.
“मैंने किसी से कोई माफी नहीं मांगी”
इसके अलावा किसानों से माफी मांगने के सवाल पर कहा कि उन्होंने कभी किसी से माफी नहीं मांगी. बता दें कि बीते शुक्रवार को कंगना रनौत फिल्म की शूटिंग के लिए चंडीगढ़ जा रही थीं. इस दौरान उनकी कार को लोगों ने घेर लिया था. किसान प्रदर्शनकारियों ने कंगना के किसानों को खालिस्तानी आतंकी कहने और सिख विरोधी वाले बयानों को लेकर आक्रोश था. तनाव बढ़ता देख मौके पर भारी पुलिस बल बुलाया गया. करीब दो घंटे बाद भीड़ के गुस्से को देखकर कंगना गाड़ी से बाहर निकलीं और माफी मांगी. तब जाकर कहीं कंगना को जाने दिया गया.
स्टोरी शेयर कर रखा अपना पक्ष
कंगना ने किसानों से माफी मांगने को लेकर अपनी इंस्टाग्राम स्टोरी पर भी इस घटना को लेकर अपना पक्ष रखा. कंगना ने लिखा- “मुझे किसी ने माफी मांगने को नहीं कहा और मैं किसी से माफी क्यों मांगूगी. मैं कोई किसान विरोधी नहीं हूं और माफी मांगने का तो सवाल ही नहीं उठता. हां वो लोग थोड़े नाराज थे, मुझे लेकर उन्हें कुछ शिकायतें थीं. मैंने उनके गिले-शिकवे सुने और अपनी बात समझायी.”