नई दिल्ली। चेन्नई सुपर किंग्स और महेंद्र सिंह धौनी एक-दूसरे के पर्याय रहे हैं। धौनी ने 12 साल तक इस टीम की कप्तानी की और टीम को बेहद सफल बनाया। हालांकि किसी भी खिलाड़ी के लिए एक वक्त ऐसा आता है जब चीजें आसान नहीं रह जाती और फिर टीम के बेहतर भविष्य के लिए उस खिलाड़ी को फैसला करना पड़ता है। धौनी ने भी कुछ ऐसा ही सीएसके टीम के लिए किया और कप्तानी छोड़ते हुए रवींद्र जडेजा को कप्तान बना दिया। 40 साल की उम्र में सीएसके की कप्तानी छोड़ने के बाद ऐसा भी हो सकता है कि ये आइपीएल में धौनी का आखिरी सीजन हो।
महेंद्र सिंह धौनी के द्वारा सीएसके टीम की कप्तानी छोड़े जाने के बाद पूर्व भारतीय क्रिकेटर आकाश चोपड़ा को ऐसा लगता है कि धौनी के लिए ये आखिरी आइपीएल हो सकता है। अपने यूट्यूब चैनल पर बोलते हुए आकाश चोपड़ा ने कहा कि एम एस धौनी ने घोषणा कर दी है कि वो सीएसके के राजा नहीं है और अब कोई और इस राज्य का राजा होगा, लेकिन सच्चाई यही है कि वो अब भी उस टीम के राजा और कप्तान हैं। वैसे अब ये पक्का हो गया है कि वो अगले साल नहीं खेलेंगे।
आकाश चोपड़ा ने कहा कि इस साल के शुरुआत में भी मुझे यकीन है कि वो नहीं चाहते थे कि सीएसके उन्हें रिटेन करे क्योंकि उन्हें बनाए रखने पर पैसा खर्च करने से टीम मजबूत नहीं होती, लेकिन अगले सीजन के लिए वो टीम में शायद नहीं होंगे। यही कारण है कि उन्होंने जडेजा को पहले रिटेन किए जाने वाला खिलाड़ी बनाने को कहा क्योंकि अगर उन्हें 16 करोड़ रुपये नहीं दिए गए तो वो शायद इस टीम के साथ नहीं रुकते। धोनी के व्यक्तित्व की प्रशंसा करते हुए चोपड़ा ने कहा कि एक खिलाड़ी के रूप में धौनी जडेजा के निर्णय लेने में तब तक हस्तक्षेप नहीं करेंगे जब तक उनसे उनकी सलाह के बारे में नहीं पूछा जाता
उन्होंने कहा कि जब एमएस धोनी कप्तान नहीं होते हैं, तो वह गैर-घुसपैठ हो जाते हैं। वह केवल जरूरत पड़ने पर ही बात करेंगे या जब आप उनके पास जाएंगे। वह कोई ऐसा व्यक्ति नहीं है जो आपके पास चलकर अपनी राय थोपेगा। जब तक कोई सलाह के लिए उनके पास नहीं जाता, तब तक वो दूर ही रहते हैं, लेकिन अगर आप उनसे सलाह लेने जाते हैं तो वो आपको अपनी राय जरूर देंगे।