रायबरेली में रिश्वत लेते उर्दू अनुवादक का वीडियो वायरल, भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज
यूपी सरकार के जीरो टॉलरेंस नीति के बावजूद भी घूसखोरी का मामले थमने का नाम नहीं ले रहा है. ताजा मामला रायबरेली (Raebareli) जनपद का है जहां पर घूस लेते हुए थाने के एक बाबू का वीडियो वायरल (Video Viral) हो गया है. जिसके बाद पुलिस (Police) महकमे में हड़कंप मच गया है. वायरल वीडियो के सत्यता की जांच कराते हुए पुलिस अधीक्षक ने तत्काल प्रभाव से बाबू के विरुद्ध मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया है इसके साथ ही उसे जेल भेजने की तैयारी भी विभाग द्वारा कर ली गई है.
@myogioffice @dgpup @Uppolice @rarbarelipolic घूस लेते उर्दू अनुवादक का वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस अधीक्षक के तेवर सख्त, जीरो टॉलरेंस नीति के तहत एसपी आलोक प्रियदर्शी ने सुसंगत धाराओं में मुकदमा दर्ज कर जेल भेजने के लिए दिए निर्देश।विभागमें मचा हड़कंपबछरावां में तैनात है बाबू pic.twitter.com/eusY9AXRme
— Pankaj Singh (@Pankajabpnews) October 28, 2022
वीडियो वायरल होने पर हुई कार्रवाई
खबर के मुताबिक आरोपी घूसखोर बाबू मजीद की बछरावां थाने में उर्दू अनुवादक के पद पर तैनाती थी. वायरल वीडियो में पीड़ित को एक मामले में राहत देने के लिए उर्दू अनुवादक मजीद ने घूस की मांग की, वीडियो में देखा जा सकता है कि पीड़ित ने बाबू को घूस का पैसा दिया, जिसके बाद वो रुपयों को गिनते हुए दिखाई दे रहा है. तभी किसी ने उसका वीडियो बना लिया और उसे सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया. ये मामला जब पुलिस अधीक्षक आलोक प्रियदर्शी के सामने आया तो उन्होंने तत्काल कार्रवाई करते हुए मामले की जांच के निर्देश दिए, जिसमें सत्यता पाए जाने के बाद आरोपी बाबू के खिलाफ सुसंगत धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है.
घूसखोरी के इस वीडियो पर पुलिस अधीक्षक के सख्त तेवर देखकर पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया है. अधीक्षक ने न केवल निलंबन की कार्रवाई की बल्कि जीरो टॉलरेंस नीति के तहत आरोपी बाबू के खिलाफ मुकदमा लिख कर जेल भेजने का सख्त निर्देश दे दिया है.
पुलिस ने दर्ज किया घूसखोर बाबू पर मामला
इस बारे में ज्यादा जानकारी देते हुए पुलिस अधीक्षक आलोक प्रियदर्शी ने कहा कि बछरावां थाने के एक उर्दू अनुवादक का रिश्वत लेते हुए एक वीडियो मेरे पास भेजा गया था. उसका संज्ञान लेते हुए मामले के सत्यता की जांच कराई गयी. जांच में सत्यता पाए जाने पर जीरो टॉलरेंस नीति के तहत वादी से प्राप्त तहरीर के आधार पर सुसंगत धाराओं में मुकदमा कायम करके आरोपी को जेल भेजा जा रहा है और उस पर अग्रिम विधिक कार्रवाई भी की जा रही है.