उत्तराखंड (Uttarakhand) में होने वाले विधानसभा चुनाव ( Assembly Elections) से पहले कांग्रेस (Congress) भी मैदान में उतर गई है. राज्य में बीजेपी ने अपने दिग्गजों को उतार दिया है. वहीं अब कांग्रेस भी इस मामले में पीछे नहीं रहना चाहती है. लिहाजा कांग्रेस ने अपने स्टार प्रचारक और पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी को मैदान में उतारा है. वहीं कांग्रेस राज्य की राजधानी देहरादून में 16 दिसंबर को राहुल गांधी की बड़ी रैली करने जा रही है. कांग्रेस इस रैली को पीएम मोदी की रैली से बड़ी रैली कर अपनी ताकत दिखाना चाहती है. लिहाजा उसने चुनाव में टिकट की कतार में खड़े नेताओं को इसकी जिम्मेदारी सौंपी है. रैली में जो दावेदारी जितनी भीड़ एकत्रित करेगा उसको टिकट मिलने की उतनी ही ज्यादा गारंटी पार्टी की तरफ से दी जाएगी.
असल में राहुल गांधी की 16 दिसंबर की रैली कांग्रेस में टिकट के दावेदारों के लिए अग्निपरीक्षा है और पार्टी ने बूथों से अधिक से अधिक लोगों को रैली में लाने की जिम्मेदारी संभावित प्रत्याशियों को दी गई है. राज्य संगठन ने टिकट के दावेदारों से साफ कहा कि अगर टिकट चाहिए तो ज्यादा से ज्यादा भीड़ को रैली में लाए. राज्य में अगले साल होने वाले चुनाव के बाद सत्ता पर काबिज होने का दावा कर रही कांग्रेस चार दिसंबर को होने वाली प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैली से ज्यादा भीड़ जुटाने की तैयारी कर रही है. इस रैली के जरिए पार्टी राज्य में अपनी ताकत का अहसास जनता और सरकार को कराना चाहती है. प्रदेश में हर पांच साल में जिस तरह से सरकार बदलती रही है, उससे कांग्रेस को उम्मीद है कि यह ट्रेंड जारी रहेगा और वह सत्ता में आएगी. इसलिए प्रदेश में अगले विधानसभा चुनाव में पूरी ताकत झोंकी जा रही है.
कांग्रेस राज्य की सत्ता में आना चाहती है और वह उत्तराखंड पर फोकस कर रही है. लिहाजा बीजेपी की तरह उसने भी छत्तीसगढ़, झारखंड और राजस्थान के नेताओं की टीम को मैदान में उतारा दिया है. राहुल की रैली के लिए भीड़ जुटाने का बड़ा बोझ टिकट के दावेदार पर डाला गया है और बूथ से जितनी अधिक भीड़ आएगी, दावेदार को उतनी ही टिकट की गांरटी पार्टी देगी. पार्टी ने अपने निजी वाहनों में दूर-दराज से आए लोगों को छोटे और बड़े नेताओं तक पहुंचाने का लक्ष्य दिया है.
दरअसल पीएम मोदी के राज्य के दौरे के तुरंत बाद कांग्रेस ने राहुल गांधी के पहले उत्तराखंड दौरे का कार्यक्रम तय करने का फैसला किया और 16 दिसंबर को होने वाली रैली को सफल बनाने के लिए प्रदेश भर के पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं को जिम्मेदारी सौंपी गई है. कांग्रेस को लग रहा था कि बीजेपी के स्टार प्रचारक राज्य में अपने पक्ष में माहौल बना रहे हैं और ऐसे में पार्टी अगर चूक गई तो चुनाव में दिक्कत होगी. लिहाजा पार्टी ने राहुल गांधी को प्रचार में उतारा है. जानकारी के मुताबिक सांसद, पूर्व सांसद, विधायक, पूर्व विधायकों के साथ ही जिला और शहर इकाइयों और सहयोगी संगठनों को रैली में ज्यादा से ज्यादा लोगों को लाने की जिम्मेदारी सौंपी गई है.