उत्तर प्रदेश पुलिस परीक्षा पेपर लीक, जांच कमेटी का गठन, 112 लोग गिरफ्तार
लखनऊ: देश के किसी भी राज्य की सबसे बड़ी प्रतियोगी परीक्षा यूपी पुलिस कॉन्स्टेबल भर्ती के पेपर आउट होने का मामला अब तूल पकड़ रहा है. यूपी पुलिस भर्ती बोर्ड की अध्यक्ष रेणुका मिश्रा ने जांच टीम का गठन किया है. यह कमेटी प्रश्न पत्र लीक होने की जांच करेगी.
उत्तर प्रदेश पुलिस सिपाही भर्ती परीक्षा से जुड़े सोशल मीडिया पर पेपर लीक की खबरों की जांच के लिए इंटरनल जांच कमेटी बैठाई गई है. भर्ती बोर्ड की अध्यक्ष रेणुका मिश्रा ने बताया कि अभ्यर्थियों द्वारा सोशल मीडिया पर जो समस्याएं बताई जा रही हैं, इसके लिए बोर्ड ने इंटरनल कमेटी गठित की है. वायरल प्रश्न पेपर और आंसर शीट को लेकर जांच की जाएगी. बोर्ड अध्यक्ष के मुताबिक, उनके पास भी सभी वायरल कंटेंट हैं, जो सवाल जवाब वायरल हुए हैं. वह पेपर में कितने आए हैं और ये परीक्षा से पहले, बाद में या उसके दौरान वायरल हुए हैं, इनकी भी जांच की जा रही है. भर्ती बोर्ड का कहना है कि सभी तथ्यों की जांच कर रहे हैं. 48 लाख बच्चों के भविष्य का सवाल है. किसी के साथ अन्याय नहीं होने देंगे.
टेलीग्राम में वायरल हुए थे प्रश्न और उत्तर
दरअसल, यूपी पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड ने 23 दिसंबर 2023 को कॉन्स्टेबल के 60244 पदों के लिए भर्तियां निकाली थीं. 17 व 18 फरवरी को सभी 75 जिलों में परीक्षा आयोजित की गई थी. आवेदन करने वाले 48,17,441 अभ्यर्थियों ने इन दो दिन लिखित परीक्षा दी थी. परीक्षा से पहले और 17 फरवरी को यूपी एसटीएफ व जिलों की पुलिस ने पेपर आउट करवाने की कोशिश करने वाले 122 लोगों को गिरफ्तार किया था. इसी बीच सोशल मीडिया प्लेटफार्म टेलीग्राम में जनरल स्टडी के 38 उत्तर वायरल हुए. अभ्यर्थियों को यह लगा कि पेपर आउट हो चुका है और जो गिरफ्तारियां हुई हैं, वह इसी को लेकर हुई हैं. ऐसे में अभ्यर्थियों में अफरा-तफरी मची और सोशल मीडिया में पेपर आउट को लेकर ट्रेंड शुरू हो गया.
भर्ती बोर्ड ने दी सफाई
अभ्यर्थियों और अमिताभ ठाकुर के पेपर आउट होने के दावे पर यूपी पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड ने जवाब दिया और कहा कि प्रारंभिक जांच में पाया गया कि अराजक तत्वों द्वारा ठगी के लिए Telegram की Edit सुविधा का प्रयोग कर सोशल मीडिया पर पेपर लीक संबंधी भ्रम फैलाया जा रहा है. बोर्ड एवं यूपी पुलिस इन प्रकरणों की निगरानी के साथ इनके सोर्स की गहन जांच कर रही है. बोर्ड द्वारा अपनी प्रत्येक परीक्षा की पारदर्शिता और शुचिता को बनाए रखने के लिए सदैव कटिबद्ध है. बृहद स्तर पर परीक्षा के सकुशल संपन्न होने के पश्चात ट्रेंड कराई जा रही असत्यापित खबरों को बोर्ड द्वारा गहनता से यूपी पुलिस की सहायता से सत्यापित कराई जाएगी. अभ्यर्थी आश्वस्त रहें.
मिर्जापुर में फर्जी पेपर बेचने वाले तीन लोग पकड़े गए
पुलिस भर्ती परीक्षा में मिर्जापुर पुलिस ने फर्जी पेपर बेचने वाले तीन लोगों को गिरफ्तार किया. जनपद में 21 केंद्रों पर परीक्षा कराई गई थी. पहले दिन पुलिस भर्ती परीक्षा में पांच फर्जी पेपर बेचने और खरीदने वाले को पुलिस ने गिरफ्तार किया था. दूसरे दिन फर्जी पेपर बनाकर अभ्यर्थियों को बेचने वाले तीन लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार किया था. गिरफ्तार अनिल कुमार बिन्द, परमात्मा प्रसाद बिन्द उर्फ पीपी और विष्णु कुमार बिन्द उर्फ राजा मिर्जापुर के रहने वाले हैं. पुलिस ने इनके पास से फर्जी पेपर, चार मोबाइल फोन और 9000 रुपये नकद बरामद किया था. क्षेत्राधिकार लालगंज शैलेंद्र त्रिपाठी ने सोमवार को इसकी जानकारी दी.