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डेयरी उत्पादों के आयात पर केंद्रीय मंत्री रूपाला ने दिए अपडेट, कहा- चिंता करने की जरूरत नहीं

नई दिल्‍ली. केंद्र सरकार ने साफ कर दिया है कि देश में दूध (Milk) और दूध से बने उत्‍पादों की कोई कमी नहीं है. डेयरी प्रोडक्‍ट (Dairy Products) के आयात का सरकार की कोई योजना या इरादा नहीं है. केंद्रीय मत्स्य, पशुपालन एवं डेयरी मंत्री पुरुषोत्तम रुपाला ने देश में डेयरी उत्पादों की कमी होने की खबरों को निराधार बताते हुए कहा कि घरेलू डेयरी क्षेत्र देश क मांग को पूरा करने में सक्षम है. जरूरत बस मौजूदा संसाधनों का अच्‍छे से दोहन करने की है. दूध की कीमतों में बढ़ोतरी पर रुपाला ने कहा कि किसानों को अच्‍छी कीमत मिल रही है. चिंता करने की जरूरत नहीं है.

एक कार्यक्रम में संवाददाताओं से बातचीत में रुपाला ने कहा, “डेयरी उत्पादों की कमी की बात में कोई सच्चाई नहीं है और कोई आयात नहीं होगा. सरकार इसकी नियमित निगरानी कर रही है और जरूरत पड़ने पर आवश्यक कदम उठाए जा सकते हैं.”गौरतलब है कि दूध की कीमतों में फरवरी में अमूल ने 3 रुपये की वृद्धि की थी. एक साल की अवधि में दूध के भाव में यह पांचवीं वृद्धि थी. दूध में खुदरा मुद्रास्फीति फरवरी में 9.65% बढ़ी, जो जनवरी में 8.79% थी. ये अनाज के बाद किसी चीज में होने वाली सबसे बड़ी वृद्धि है.

डेयरी प्रोडक्‍ट आयात के लग रहे थे कयास

दूध की कीमतों में फरवरी में बढ़ोतरी होने के बाद से ही देश में डेयरी प्रोडक्‍ट की कमी की चर्चा चल पड़ी थी. ऐसी भी खबरें आई कि सरकार मक्‍खन और घी जैसे दूध से बने उत्‍पादों का आयात करेगी. 5 अप्रैल को पशुपालन और डेयरी सचिव राजेश कुमार सिंह ने कहा था कि जरूरत पड़ने पर मक्खन और घी जैसे डेयरी प्रोडक्ट्स के इंपोर्ट पर विचार किया जाएगा. लेकिन, अब केंद्रीय मंत्री के स्थिति साफ करने पर आयात की चर्चा पर विराम लग गया है.

बीमारी से दूध उत्‍पादन प्रभावित

बताते चलें कि वित्त वर्ष 2021-22 में देश में दूध उत्पादन 22.1 करोड़ टन रहा, जो इससे पिछले वर्ष के 20.8 करोड़ टन की तुलना में 6.25 प्रतिशत ज्यादा था. पशुपालन और डेयरी सचिव राजेश कुमार सिंह ने बताया था कि मवेशियों में गांठदार त्वचा वाले रोग की वजह से वित्त वर्ष 2022-23 में देश का दुग्ध उत्पादन प्रभावित रहा. वहीं, कोरोना महामारी बीतने के बाद घरेलू मांग में 8-10 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई.

सरकार करेगी अच्छे से मैनेज

केंद्रीय मंत्री रुपाला ने दावा किया कि भले ही दूध व दूध से बने उत्पादों की मांग बढ़ी हो, देश के पास इन चीजों की कमी नहीं है. देश का डेयरी क्षेत्र बहुत व्‍यापक है. अभी इसका पूरा उपयोग नहीं हो रहा है. बढिया प्रबंधन करने हम इसका सम्‍पूर्ण दोहन करेंगे और अपनी मांग को पूरा करेंगे.

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