ग्रेटर नोएडादिल्ली/एनसीआर

कूड़े का प्रबंधन न करने पर दो सोसाइटी, स्कूल व उद्योग पर लगाया 1.72 लाख का जुर्माना

–जुर्माने की रकम तीन कार्य दिवस में प्राधिकरण के खाते में जमा कराने के निर्देश
–कूड़े का प्रबंधन न करने व दोबारा खामी मिलने पर कठोर कार्रवाई की चेतावनी

ग्रेटर नोएडा। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के जनस्वास्थ्य विभाग ने कूड़ा प्रबंधन के नियमों की अनदेखी करने पर दो सोसाइटी और एक-एक स्कूल व उद्योग पर जुर्माना लगाया है। जुर्माने की रकम तीन कार्य दिवस में प्राधिकरण के खाते में जमा करने और दोबारा खामी मिलने पर औक कठोर कार्रवाई की चेतावनी दी गई है।

ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की सीईओ रितु माहेश्वरी के निर्देश पर ग्रेटर नोएडा को स्वच्छता में नया मुकाम दिलाने के लिए जनस्वास्थ्य विभाग की तरफ से अभियान चलाया जा रहा है। इसके अंतर्गत ग्रेटर नोएडावासियों को गंदगी न फैलाने के लिए जागरूक करने के साथ ही कूड़ा प्रबंधन के नियमों की अनदेखी करने पर जुर्माना भी लगाया जा रहा है। प्राधिकरण के स्वास्थ्य विभाग के प्रभारी ओएसडी रजनीकांत मिश्र ने बताया कि कूड़े का प्रबंधन न करने पर सेक्टर टेकजोन फोर स्थित आम्रपाली लेजर वैली सोसाइटी पर 80,800 रुपये का जुर्माना लगाया गया है। सेक्टर वन स्थित एस सिटी सोसाइटी पर 50,400 रुपये का जुर्माना लगाया गया है। ईकोटेक थ्री स्थित मल्होत्रा इलेक्ट्रॉनिक्स कंपनी भी सॉलिड वेस्ट का प्रबंधन नहीं कर रही थी, जिसके चलते कंपनी पर 21 हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया है। जनस्वास्थ्य विभाग के प्रबंधक डॉ. उमेश चंद्र, सेनेटरी इंस्पेक्टर संजीव विधूड़ी, सुपरवाइजर मुदित त्यागी व जितेन्द्र कुमार की टीम ने यह कार्रवाई की है। इससे पहले टेकजोन फोर स्थित लोटस वैली स्कूल पर भी 20 हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया है। स्कूल भी ठोक कूड़े का प्रबंधन नहीं कर रहा था। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की सीईओ रितु माहेश्वरी ने सभी ग्रेटर नोएडावासियों से स्वच्छता मुहिम को सफल बनाने के लिए अपने आसपास सफाई रखने और कहीं भी गंदगी न फैलाने की अपील की है।

ओमैक्स एनआरआई सिटी में अवैध बनीं दो दुकानों को ग्रेनो प्राधिकरण ने किया सील

ग्रेटर नोएडा। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने ओमैक्स एनआरआई सिटी में एक बेसमेंट में बनीं दो दुकानों को सील कर दिया है। ये दोनों दुकानें पार्किंग एरिया में प्राधिकरण से अनुमति के बिना ही बनाई गईं थी। आसपास के लोगों की शिकायत पर प्राधिकरण की टीम ने मौके पर जाकर जांच की। शिकायत की पुष्टि होने पर नोटिस जारी किया गया, लेकिन न तो आरडब्ल्यूए ने और न ही डेवलपर ने इन दुकानों को हटाया, जिसके चलते शुक्रवार को दोनों दुकानों को सील कर दिया गया। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के परियोजना विभाग व नियोजन विभाग की संयुक्त टीम की तरफ से यह कार्रवाई की गई।

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