अपराध

दो मासूम बेटियों को बेरहमी से उतारा मौत के घाट, फिर खुद भी की आत्महत्या

प्रयागराज। दो मासूम बेटियों को बेरहमी से मौत के घाट उतारने वाले मनीष ने बर्बरता की हदें पार कर दीं। उसने बड़ी बेटी पर आठ और छोटी पर पांच बार चाकू से वार किए। पोस्टमार्टम के दौरान बच्चियों के शरीर पर मिले जख्मों के निशान से इसका खुलासा हुआ। कागजी कार्रवाई पूरी नहीं होने के चलते शवों का पोस्टमार्टम सोमवार को कराने का फैसला लिया गया था। दोपहर बाद दो डॉक्टरों के पैनल ने वीडियोग्राफी के बीच पोस्टमार्टम शुरू किया। सूत्रों का कहना है कि इस दौरान बड़ी बेटी नैंसी (5) के शरीर पर आठ बड़े जख्म के निशान मिले। इनमें से पांच पेट पर, जबकि तीन पीठ पर थे।

उधर, छोटी बेटी खुशबू (3) के पेट पर पांच जख्म के निशान मिले। उसके पेट का हिस्सा काफी क्षतिग्रस्त भी हो गया था। इससे पहले मनीष के शव का पोस्टमार्टम हुआ, जिसमें सामने आया कि फांसी लगाने की वजह से उसकी मौत हुई।पोस्टमार्टम रिपोर्ट सामने आने के बाद यह भी माना जा रहा है कि खुशबू ने भागने का प्रयास भी किया होगा और इसी दौरान मनीष ने उसकी पीठ पर भी चाकू से वार किए। उधर, पुलिस देर रात तक पोस्टमार्टम रिपोर्ट न मिलने की बात कहती रही। धूमनगंज इंस्पेक्टर अमरनाथ राय ने बताया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट अभी उन्हें नहीं मिली है।

रम्मन का पूरा में स्थानीय लोगों के बीच इस बात की भी चर्चा रही कि पिता रोशनलाल ने जीवनकाल में ही वसीयत कर दी थी। जिसमें मनीष को संपत्ति से बेदखल करने की बात थी। चर्चा रही कि वह उसके प्रेम विवाह करने से नाराज थे और इसके बाद उन्होंने वसीयत तैयार कराई थी। हालांकि इसकी कोई पुष्टि नहीं हो सकी। धूमनगंज थाना प्रभारी अमरनाथ राय ने भी ऐसी किसी जानकारी से इनकार किया है।

धूमनगंज के रम्मन का पूरा मोहल्ले में सोमवार शाम एक साथ तीन अर्थियां उठीं। मनीष व उसकी दोनों बच्चियों के शव घर लाए जाने पर परिजनों की चीत्कार से कोहराम मच गया। उनकी हालत देख मोहल्ले के लोगों की आंखें भी नम हो गईं। देर शाम नीवा कछार में तीनों शव दफना दिए गए।

मनीष के शव का पोस्टमार्टम दोपहर तीन बजे के करीब हो गया था। इसके बाद उसकी दोनों बेटियों के शवों का पोस्टमार्टम शुरू हुआ। शाम पांच बजे के करीब पोस्टमार्टम के बाद तीनों शव मनीष के पैतृक घर पर ले जाए गए,जहां उसकी पत्नी संगीता भी मौजूद थी। शवों को देखते ही परिजनों में चीत्कार मच गई। मनीष की मां गीता और पत्नी संगीता फूट-फूटकर रोती रही। उधर,भाइयों की भी आंखें नम थीं। संगीता कभी पति तो कभी दोनों बेटियों को याद कर-कर बिलखती रही। उधर, शव लाए जाने पर बड़ी संख्या में मोहल्ले के लोग भी जुट गए थे।
परिजनों की हालत देख उनकी भी आंखें नम हो गईं। आस पड़ोस की महिलाओं के भी आंखों से आंसू गिरने लगे। किसी तरह पत्नी व मां को ढांढस बंधाने के बाद भाई आनंद व अमित अन्य परिजनों व रिश्तेदारों के साथ तीनों शवों को लेकर नीवा कछार पर पहुंचे। यहां पिता व दोनों बेटियों को दफनाया गया। अंतिम संस्कार भाई अमित ने किया। सुरक्षा की दृष्टि से मौके पर धूमनगंज थाने की फोर्स भी मौजूद रही।

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