सिर काटकर की गई युवक की हत्या मामले में दो आरोपियों को उम्रकैद की सजा

13 गवाहों ने दर्ज कराए बयान
मेरठ। परीक्षितगढ़ थाना क्षेत्र के खजूरी गांव में ढाई साल पहले सिर काटकर की गई दीपक त्यागी की हत्या में न्यायालय अपर जिला जज-16 नुसरत खान ने फहमीद नट और आसिफ को उम्रकैद की सजा सुनाई है। दोनों दोषियों पर न्यायालय ने 10-10 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया है। जबकि फहमीद की पत्नी फरमीना को साक्ष्यों के अभाव में दोषमुक्त करार दिया।
दीपक त्यागी को 26 सितंबर 2022 की रात कुछ लोग घर से बुलाकर ले गए थे। अगले दिन उसका सिर कटा शव गांव के जंगल में मिला था। आरोपी सबूत मिटाने और पहचान छुपाने के मकसद से सिर काटकर ले गए थे। शव के पास से पुलिस को एक मोबाइल फोन मिला था, जिससे दोनों सिम गुम थे। परिजनों ने कपड़ों और शरीर के निशानों से उसकी पहचान की थी। घटना से क्षुब्ध ग्रामीणों ने शव मेरठ-परीक्षितगढ़ मार्ग पर रखकर जाम लगा दिया था और अंतिम संस्कार करने से इन्कार कर दिया था।
कई घंटे की जद्दोजहद के बाद पुलिस ने समझाकर अंतिम संस्कार कराया था। आरोपियों की गिरफ्तारी और सिर की बरामदगी को लेकर कई दिन तक पंचायत और धरना-प्रदर्शन का सिलसिला चला था। विवेचना के दौरान आरोपियों के नाम प्रकाश में आए थे। उन्हें गिरफ्तार कर पुलिस ने खेत में दबा सिर और तलवार बरामद करते हुए जेल भेज दिया था। पुलिस का दावा था कि पूछताछ में फहमीद ने बताया कि उसकी विवाहित बेटी को दीपक परेशान करता था।
आरोपियों के खिलाफ वादी अभियोजन ने कुल 13 गवाह कोर्ट में पेश कर बयान दर्ज कराए। न्यायालय ने दोनों पक्षों को सुनकर और पत्रावली पर उपलब्ध साक्ष्यों को देखते हुए फहमीद और आसिफ को हत्या का दोषी पाया। मंगलवार को दोनों दोषियों को सजा सुनाई गई।
दीपक की हत्या के बाद हत्यारोपी उसका सिर काटकर ले गए थे। सिर बरामद करने के लिए छह पुलिस टीमें लगी थीं। पीएसी, पुलिस फोर्स, डॉग स्क्वॉयड ने घटनास्थल से चार किलोमीटर दूरी तक जंगल व नालों की खाक छानी थी। पुलिस ने दीपक का कटा सिर सातवें दिन खेत में एक गड्ढे से बरामद किया था। तीन आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया था। परिजनों ने पुलिस के खुलासे पर सवाल उठाए थे। उन्होंने मामले की जांच सीबीआई से कराने से मांग की थी।
कोर्ट के फैसले के बाद दीपक के पिता धीरेंद्र त्यागी की आंखें नम हो गईं। उन्होंने कहा कि दोषियों को उनके किए की सजा कोर्ट ने दे दी। कोर्ट के फैसले से वह संतुष्ट हैं। उम्मीद है कि इससे उनके बेटे की आत्मा को शांति मिलेगी। इकलौते बेटे को खोने का गम जिंदगीभर रहेगा। दीपक के जीजा विशांत त्यागी ने कहा कि कोर्ट के निर्णय से वह संतुष्ट हैं, लेकिन दीपक की हत्या की वजह अभी तक स्पष्ट नहीं हुई है। पुलिस ने जो दावा किया था, परिजनों को उस पर अभी भी विश्वास नहीं है।