प्रदीप हत्याकांड में मुठभेड़ के बाद दो आरोपित गिरफ्तार, पत्नी ने ही दी थी डेढ़ लाख की सुपारी
मेरठ के शास्त्रीनगर में प्रदीप की हत्या कर फरार हुए आरोपियों की एसओजी टीम की जागृति विहार एक्सटेंशन के पास मुठभेड़ हो गई। मुठभेड़ में एक आरोपी को एसओजी टीम ने धर दबोचा, जबकि उसका साथी फरार होने में कामयाब हो गया। गिरफ्तार आरोपी के पैर में पुलिस की गोली लगी है। पुलिस ने उसे अस्पताल में भर्ती कराया है। उससे पूछताछ की जा रही है।
अभी तक पुलिस पूछताछ में हत्या के मामले में कई बड़े खुलासे हुए हैं। प्रदीप की हत्या किसी और ने नहीं, बल्कि उसकी ही पत्नी ने ही डेढ़ लाख की सुपारी देकर कराई थी। प्रदीप शर्मा के पिता देवेंद्र शर्मा ने पुत्रवधू नीतू पर हत्या कराने का आरोप लगाते हुए मुकदमा कराया था। पुलिस की पूछताछ में नीतू ने दो शूटर समीर निवासी गेसूपुर भावनपुर और मनीष शर्मा निवासी किठौर का नाम पुलिस का नाम बताया। दोनों आरोपियों की गुरुवार सुबह एसओजी ने घेराबंदी कर ली। जिसमें एक आरोपी गिरफ्तार हुआ है, पुलिस इससे पूछताछ कर रही है।
शास्त्रीनगर में सुपारी देकर पति प्रदीप शर्मा की हत्या कराने वाली महिला नीतू से पूछताछ के बाद पुलिस ने आज सुबह मुखबिर की सूचना पर दोनों शूटरों की घेराबंदी कर ली। पुलिस की शूटरों से मुठभेड़ हो गई जिसमें एक शूटर को पुलिस ने पैर में गोली मार दी। पुलिस ने घायल बदमाश को अस्पताल में भर्ती कराया है।
आज सुबह जागृति विहार एक्सटेंशन के पास पुलिस और बदमाशों के बीच मुठभेड़ के दौरान गोलियां चल गईं, जिसमें समीर के पैर में गोली लग गई है। एसएसपी रोहित सिंह सजवान का कहना है कि पूछताछ में बदमाशों ने बताया कि आरोपी समीर करीब छह माह से नीतू के घर में किराए पर रह रहा था।
नीतू ने अपने पति की हत्या कराने के लिए 1.50 लाख रुपये सुपारी के तौर पर दिया था। साथ ही नहीं नीतू ने उसे एक पिस्टल भी मुहैया कराई थी। इसी पिस्टल से उन्होंने वारदात को अंजाम दिया। बता दें कि शास्त्रीनगर सेक्टर-13 में बुधवार को प्रदीप शर्मा की समीर व उसके साथी मनीष ने गोली मारकर हत्या कर दी थी।
प्रदीप के पिता देवेंद्र शर्मा ने बताया कि उनकी पुत्रवधू नीतू का चाल-चलन ठीक नहीं था। प्रदीप टोकता था तो नीतू उसके साथ मारपीट करती थी। प्रदीप बच्चों की परवरिश करता था और उनके लिए गांव से हर सामान लाकर देता रहता था।
बताया कि नीतू के व्यवहार के चलते मोहल्ले की महिलाएं भी उससे किनारा करने लगी थीं और कोई भी उससे बात नहीं करता था। वहीं, प्रदीप का मोहल्ले के सभी लोगों के पास अच्छी तरह आना-जाना था और उनके दुख-सुख में भी शामिल रहता था।
बुधवार सुबह जब प्रदीप गांव से शास्त्रीनगर लौटा तो लोगों ने उसे फोन पर बात करते हुए सुना कि वह नीतू की बेटी के नाम पांच लाख रुपये की एफडी कराने के लिए आया है। इसी बीच वह कार में बैठने लगा तो हत्या कर दी गई।