2019 के आधार पर 2022 में हो रहा ट्रायल, मंत्रालय की आंखों में झोंक रहे हैं धूल, जूडो खिलाड़ियों का भविष्य अधर में लटका
दिल्ली: केंद्रीय खेल मंत्रालय ने 22 अप्रैल को भारतीय जूडो संघ की मान्यता खत्म कर दी। उसके 6 घंटे के अंदर ही भारतीय खेल प्राधिकरण ने 6 सदस्य समिति बना दी, यही नहीं एशियन गेम्स और अन्य अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं की तैयारी के लिए 1 मई से पुरुष एथलीटों का कैंप लगा दिया गया, हर भार वर्ग से चार शीर्ष एथलीट चुने जाने थे, लेकिन यहीं से एक नया खेल शुरू हो गया।
कोविड-19 महामारी के कारण एशियन खेल रद्द कर दिए गए थे और इधर समिति को खेल करने का मौका मिल गया। अब पूर्व कार्यक्रम के मुताबिक इस साल बर्मिंघम मैं होने वाले कॉमनवेल्थ गेम के लिए ट्रायल की जा रही है लेकिन उसमें पटिआला में कैंप कर रहे एथलीट की जगह 2019 के सीनियर और जूनियर वर्ग के प्रदर्शन के आधार पर 3 वर्ग के चार चार खिलाड़ियों को बुलाया गया है।
NSNIS पटिआला में सीनियर पुरुष कैंप में शामिल हर्षदीप सिंह बरार खिलाड़ी ने कहा है कि कॉमनवेल्थ गेम में पुरुषों के लिए 7 भार वर्ग है लेकिन समिति सिर्फ तीन तीन भार वर्ग में ही खिलाड़ियों को भेजने की तैयारी कर रही है। हम यहां कैंप में भाग ले रहे हैं और 2 दिन पहले हमें बताया कि कॉमनवेल्थ गेम में वही खिलाड़ी भाग लेंगे जिनका नाम जनवरी में तैयार संभावित सूची में था लेकिन जब भारतीय जूडो संघ की सरकार ने मान्यता समाप्त कर दी तो उसकी संभावित सूची क्यों ले रहे हैं और जब सातों वर्ग के खिलाड़ी मौजूद है उन्हें क्यों नहीं खिला रहे हो ? जबकि एशियाई खेलों की अपेक्षा कॉमनवेल्थ गेम में पदक जीतना आसान है।
हर्षदीप सिंह बरार एथलीट का कहना है कि हम सालों से कॉमनवेल्थ गेम की तैयारी कर रहे थे लेकिन अब हमें छोड़ दिया गया है बिना किसी कारण बताएं तो हम देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी एवं खेल मंत्रालय से यह मांग करते हैं कि आप लोग इसमें हस्तक्षेप करें और हमें भी खेलने का मौका दिया जाए। इस दौरान जतिन कुमार, विशाल सिंह, नितिन चौहान, एम गुलाब, आशीष सांगवान, करण जीत मान, हैप्पी, राकेश कुमार, अतर सिंह आदि सैकड़ों खिलाड़ियों की मौजूदगी दर्ज रही, खिलाड़ियों के चेहरे पर चिंता की लकीरें साफ नजर आ रही है, वर्षों से तैयारियों में जुटे खिलाड़ियों ने कहा कि जल्द फैसला नहीं लिया गया तो हमारा भविष्य अंधकारमय हो जायेगा, माननीय प्रधानमंत्री जी व माननीय खेलमंत्री हस्तक्षेप कर राहत प्रदान करें।