महिलाओं के ब्यूटी पार्लर पर इस देश ने लगाया प्रतिबंध, कहा- लड़कियों की जिंदगी होगी बेहतर
अफगानिस्तान के तालिबान ने एक बार फिर फरमान जारी करते हुए महिला रोजगार के लिए बचे कुछ रास्तों पर प्रतिबंध लगा दिया है। तालिबान ने महिलाओं द्वारा चलाए जाने वाले ब्यूटी सैलून को बंद करने का फरमान सुनाया है। ब्लूमबर्ग के अनुसार वाइस एंड सदाचार मंत्रालय ने कहा कि काबुल और अन्य प्रांतों में महिलाओं द्वारा संचालित सभी ब्यूटी सैलून पर तुरंत प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए और हमारे आदेश का पालन करना चाहिए।
चेतावनी भरे लहजे में कहा गया है कि उल्लंघन करने वालों को कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा। बता दें कि तालिबानी फरमानों को लेकर संयुक्त राष्ट्र बार-बार प्रतिबंधों की निंदा करता है। संयुक्त राष्ट्र ने कहा कि महिलाओं के खिलाफ ऐसे नियमों ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लिए तालिबान सरकार को मान्यता देना लगभग असंभव बना दिया है।
छठी से ऊपर पढ़ाई, जिम जाना, पार्क जाना महिलाओं के लिए बैन
बता दें कि इससे पहले तालिबानी फरमान जारी कर लड़कियों को छठी कक्षा से ऊपर की शिक्षा प्राप्त करने से रोका गया है। इसके अलावा महिलाओं के सरकारी या निजी क्षेत्र में काम करने, पार्कों में जाने और जिम के यूज पर बैन लगाया गया है। फिलहाल, अफगानिस्तान में अस्पतालों में नर्स और डॉक्टर के रूप में काम करना ही एकमात्र ऐसा काम है जो महिलाएं कर सकती हैं।
अफगानिस्तान से भागकर अब तुर्की में रहने वाली अफगान महिला अधिकार कार्यकर्ता जमीला अफगान ने कहा कि तालिबान महिलाओं को इंसान नहीं बल्कि स्वामित्व और उत्पीड़न की वस्तु मानते हैं। उन्होंने कहा, नवीनतम प्रतिबंध के बाद हजारों मेकअप आर्टिस्ट प्रभावित होंगे और देश भर में सैकड़ों कॉस्मेटिक शॉप्स बंद हो जाएंगे।
मेकअप आर्टिस्ट बोलीं- हम क्या कर सकते हैं?
मेकअप आर्टिस्ट रेहान मुबारिज़ ने टोलो न्यूज़ को बताया कि यहां के पुरुष बेरोजगार हैं। जब पुरुष अपने परिवार की देखभाल नहीं कर सकते, तो महिलाओं को रोटी की तलाश में ब्यूटी सैलून में काम करने के लिए मजबूर होना पड़ता है। अगर अब वहां भी हमारे काम करने पर बैन लगा दिया गया है तो हम क्या कर सकते हैं?
एक अन्य महिला ने कहा कि अगर (परिवार के) पुरुषों के पास नौकरी है तो हम घर से बाहर नहीं निकलेंगे। लेकिन, रोजाना लग रहे प्रतिबंधों के बाद हम क्या कर सकते हैं? आप चाहते हैं कि हम मर जाएं? एक अन्य महिला ने कहा कि सरकार को इसके लिए एक रूपरेखा बनानी चाहिए। रूपरेखा इस तरह होनी चाहिए कि न तो इस्लाम को नुकसान हो और न ही देश को।