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यूपी के हर नगर निकाय में होगी नागरिक सुरक्षा की इकाई, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जारी किए निर्देश

लखनऊ: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार प्रदेश की जनता की सुरक्षा के लिए लगातार नए-नए कदम उठा रही है. यूपी की आधी आबादी को सुरक्षा देने के लिए योगी सरकार बड़ा कदम उठाने जा रही है. इसके लिए प्रदेश सरकार 500 करोड़ रुपये खर्च करेगी. योगी सरकार महिला बीट प्रणाली के लिए 10 हजार 417 स्कूटी खरीदने जा रही है. इस योजना की खास बात यह है कि इसमें प्रदेश के हर जिले में 40 पुलिस पिंक बूथ भी खुलेंगे.

महिला पुलिसकर्मी करेंगी स्कूटी से पेट्रोलिंग 

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को अग्निशमन विभाग, नागरिक सुरक्षा विभाग और कारागार विभाग की समीक्षा करते हुए भविष्य के दृष्टिगत बेहतरी के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश दिए. इस योजना के तहत  प्रदेश के 75 जिलों में कुल तीन हजार पुलिस पिंक बूथ स्थापित किए जाएंगे. इनमें 20 पिंक बूथ धार्मिक और पर्यटन स्थलों पर स्थापित होंगे. इन बूथों पर तैनात होने वाली महिला पुलिसकर्मियों की पेट्रोलिंग के लिए 20 स्कूटी भी खरीदी जाएगी.

कितना आएगा खर्च 

योगी सरकार बूथ के निर्माण और स्कूटी खरीदने के लिए तीन करोड़ रुपये से ज्यादा की धनराशि खर्च करेगी. इस पूरी योजना के लिए सरकार 195 करोड़ रुपये से ज्यादा पूंजीगत व्यय करेगी. वहीं योजना के संचालन व्यय पर 297 करोड़ रुपये से ज्यादा खर्च किए जाएंगे. प्रदेश के सभी जनपदों और धार्मिक एवं पर्यटन स्थलों में पिंक बूथ के स्थापित होने से एक तरफ जहां प्रदेश की महिलाओं को मनचलों से छुटकारा मिलेगा. वहीं दूसरी तरफ वह घरेलू हिंसा सहित अपने खिलाफ हुई अन्य हिंसा और बदसलूकी के बारे में महिलाएं खुलकर अपनी पुलिस को बता सकेंगी.

सुरक्षा इकाइयों का पुनर्गठन करने का निर्देश

समाज में शांति, सौहार्द और सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखने में नागरिक सुरक्षा विभाग की महत्वपूर्ण भूमिका रही है. वर्तमान में प्रदेश के 27 जिलों में नागरिक सुरक्षा इकाइयां गठित हैं. सिविल डिफेंस के महत्व और उपयोगिता को दृष्टिगत रखते हुए इसे सभी 75 जिलों तक विस्तार दिया जाना आवश्यक है.प्रदेश के सभी नगरीय निकायों को आधार मानकर नागरिक सुरक्षा इकाइयों का पुनर्गठन किया जाए. इस प्रकार प्रदेश में साढ़े सात सौ से अधिक नागरिक सुरक्षा इकाइयां क्रियाशील हो सकेंगी. गृह विभाग के साथ समन्वय बनाते हुए इस संबंध में आवश्यक कार्यवाही यथाशीघ्र पूरी की जाए. नवीन इकाइयों के सुचारु क्रियान्वयन के लिए राज्य सरकार द्वारा आवश्यक वित्तीय प्रोत्साहन उपलब्ध कराया जाएगा.

प्रदेश कैबिनेट ने हाल ही में अपने नई जेल मैन्युअल को अनुमोदित किया है. जेल सुधारों की ओर यह महत्वपूर्ण प्रयास होगा. हमें कारागारों को सुधार के बेहतर केंद्र के रूप में स्थापित करने के लिए ठोस प्रयास करना होगा. “ओपन जेल” और “हाई सिक्योरिटी जेल” इस संबंध में उपयोगी हो सकते हैं. इस संबंध में स्थान का चिन्हांकन कर विधिवत प्रस्ताव तैयार करें.

प्रदेश के समस्त कारागारों में 14 वर्ष की अवधि से अधिक समय से बंद कैदियों की सूची तैयार कर उपलब्ध कराई जाए. सूची में बीमार, नाबालिग और महिला और दिव्यांग कैदियों का पृथक विवरण भी हो. आग लगने की घटना में अग्निशमन विभाग की उपयोगिता का हम सभी ने अनुभव किया है. अग्निशमन विभाग के कार्मिकों का सेवा भाव प्रेरक है. भविष्य की जरूरत को देखते हुए अग्निशमन विभाग को आपदा प्रबंधन एवं आपात सेवा के रूप में स्थापित करने की आवश्यकता है. केंद्र सरकार के मॉडल बिल ऑन मेंटेनेंस ऑफ फायर एंड इमरजेंसी सर्विस, 2019 की तर्ज पर राज्य के मॉडल फ़ायर एन्ड इमरजेंसी बिल तैयार किया जाए.

बहुमंजिली इमारतों में प्रत्येक दशा में अग्नि सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम होने चाहिए. ईज़ ऑफ डूइंग बिजनेस की नीति के अनुरूप भवन स्वामी द्वारा हर छह माह के अंतराल पर सेल्फ सर्टिफिकेशनरी व्यवस्था, भवनों के प्रकार के अनुसार फायर सेफ्टी ऑफिसर का प्रावधान और वार्षिक थर्ड पार्टी ऑडिट की व्यवस्था को लागू किया जाए.

फायर फाइटर्स की सुरक्षा व उच्चस्तरीय अग्निशमन उपकरणों की उपलब्धता के लिए एक विशेष निधि-कोष की स्थापना के प्रयास हों. वर्तमान में स्मार्ट सिटी परियोजना अंतर्गत स्थापित इंटीग्रेटेड ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम से शहरों की सुरक्षा व्यवस्था स्मार्ट हुई है. अंतर्विभागीय समन्वय के साथ कन्वर्जेंस के माध्यम से वित्तीय प्रबंधन करते हुए अधिकाधिक शहरों को सेफ सिटी बनाने की कोशिश करनी होगी. इस संबंध में आवश्यक प्रस्ताव तैयार कर प्रस्तुत करें.

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