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फरार IPS मणिलाल पाटीदार की बढ़ेगी मुश्किल, योगी सरकार ने की बर्खास्त करने की केंद्र से सिफारिश

उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) सरकार ने भगोड़े आईपीएस अफसर मणिलाल पाटीदार को बर्खास्त करने की सिफारिश केन्द्र सरकार को भेजी. राज्य सरकार पहले ही पाटीदार को सस्पेंड कर चुकी है और वह करीब डेढ़ साल से फरार है. असल में महोबा में एक कारोबारी पर वसूली का दबाव बनाने और आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोपी आईपीएस मणिलाल पाटीदार (IPS Manilal Patidar) फरार है और अब योगी सरकार ने उसे बर्खास्त करने की सिफारिश की है. फिलहाल इस मामले में केन्द्रीय गृहमंत्रालय को फैसला लेना है. क्योंकि आईपीएस अफसर की कैडर मैनेजमेंट गृहमंत्रालय ही देखता है.

राज्य सरकार ने कारोबारी की हत्या के मामले में जांच के बाद से ही पाटीदार को सस्पेंड कर दिया था और बाद में उसके खिलाफ हत्या का भी मामला दर्ज किया था. लेकिन वह तब से फरार है और अभी तक यूपी पुलिस उसे खोज नहीं पायी है. इस मामले में अब भगोड़े आईपीएस मणिलाल पाटीदार की बर्खास्तगी के लिए राज्य सरकार ने केंद्र सरकार को सिफारिश भेजी है. राज्य सरकार ने मणिलाल पाटीदार पर एक लाख रुपये का इनाम भी घोषित किया गया है और वह अभी तक यूपी पुलिस के हत्थे नहीं चढ़ा है और डेढ़ साल से फरार है.

गृह मंत्रालय को भेजी सिफारिश

असल में आईपीएस अफसरों का कैडर को केन्द्रीय गृह मंत्रालय देखता है और नियुक्ति और बर्खास्ती का आदेश कार्मिक और नियुक्ति विभाग जारी करता है. इस मामले में राज्य सरकार ने केन्द्रीय गृह मंत्रालय को पाटीदार को बर्खास्त करने की सिफारिश भेजी है. राज्य सरकार ने प्रक्रियाएं पूरी कर केंद्र को भेजी हैं और केंद्र की अनुमति मिलते ही मणिलाल को बर्खास्त कर दिया जाएगा

जानिए क्या है मामला

उत्तर प्रदेश कैडर के 2014 बैच के आईपीएस मणिलाल पर आरोप है कि उन्होंने महोबा में एसपी रहते हुए भ्रष्टाचार किया और खनन कारोबारी इंद्रकांत त्रिपाठी पर अवैध धन उगाही के लिए दबाव बनाया. जिससे परेशान होकर इंद्रकांत त्रिपाठी ने आत्महत्या कर ली. हालांकि पहले एसपी ने इस मामले को रफादफा करने के लिए कई तरह की साजिश की. लेकिन बाद में एसआईटी की जांच में एसपी दोषी पाए गए. इसके बाद राज्य सरकार ने उन्हें सस्पेंड कर दिया और उनके ऊपर हत्या का भी मामला दर्ज किया. रिपोर्ट दर्ज होने के बाद मणिलाल फरार हैं. महोबा के मृतक कारोबारी इंद्रकांत ने 7 सितंबर, 2020 को सीएम योगी आदित्यनाथ और तत्कालीन डीजीपी को यह वीडियो भेजा था, जिसमें पाटीदार पर रिश्वत मांगने का आरोप लगाया गया था. इसके बाद इंद्रकांत अपनी कार में घायल अवस्था में मिला और उनके गले में गोली लगी थी.

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