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चर्चित ज्योति मिश्रा कांड के आरोपित का अधजला मिला शव, स्वजन बोले- मृतका के पिता व भाई ने जलाकर मार डाला

कानपुर में पिछले साल जिस तरह से ज्योति का अधजला शव मिला था। उसी हालत में अमित का शव मिला और लगभग एक तरह से ही जलाया गया। ज्योति की मौत का बदला लेने के लिए ठीक उसी तरह से वारदात को अंजाम दिया गया। अमित के परिजनों का भी यही आरोप है। हालांकि पुलिस ने ज्योति की मौत को आत्महत्या बताया था। हत्या के आरोप से इनकार कर दिया था।

इस पर सवाल भी खड़े हुए थे। अमित के पिता अशोक कुमार ने बताया कि 2 सितंबर को अमित जेल से जमानत पर छूटा था। तब से वह आरओ रिपेयरिंग का काम करने लगा था। बदला लेने के लिए ज्योति के परिवार वालों ने झांसा देकर आरओ रिपेयर करने की बात कहकर उसको यशोदा नगर बुलाया। जहां से उसको अगवा कर ले गए।

हत्या कर शव जला दिया। डीसीपी साउथ प्रमोद कुमार ने बताया कि ज्योति के कमर के नीचे का हिस्सा जला था। अमित का भी उतना ही हिस्सा जला मिला। दोनों के शरीर का ऊपरी हिस्सा नहीं जला था। जांच के पहलुओं में यह बिंदु बेहद अहम है।

मां से हुई थी आखिरी बात

पुलिस ने अमित के परिजनों से पूछताछ की तो सामने आया कि दोपहर करीब ढाई बजे अमित अपनी बाइक से यशोदानगर जाने की बात कहकर निकला था। शाम करीब 5:30 बजे अमित को उसकी मां ने फोन किया था। तब उसने आधे घंटे में घर पहुंचने की बात कही थी लेकिन नहीं आया। रात 10:30 बजे तक मोबाइल पर घंटी गई लेकिन कॉल रिसीव नहीं हुई। कुछ देर बाद मोबाइल बंद हो गया। तब उन्होंने खोजबीन शुरू कर पुलिस को सूचना दी थी।

तारीख पर नहीं आए थे, ज्योति के पक्ष वाले 

अमित के पिता अशोक ने बताया कि मुकदमे की शनिवार को तारीख थी। तारीख पर ज्योति के पक्ष वाले कोर्ट नहीं आए थे। इस बीच कोर्ट में पुलिस की तरफ से प्रस्तुत की गई फोरेंसिक रिपोर्ट में दुष्कर्म की पुष्टि नहीं हुई थी। अशोक का कहना है कि ज्योति के परिवार वाले बहुत खुन्नस रख रहे थे। इसलिए साजिश रचकर अमित को मार दिया।

सुसाइड नहीं… गुमराह नोट है

अमित के पास से एक नोट बरामद हुआ है। जिसमें लिखा है कि मैं आत्महत्या करने जा रहा हूं। डीसीपी साउथ का कहना है कि शुरुआती जांच में अमित की हत्या करने का अंदेशा है। ऐसा लगता है कि गुमराह करने के लिए सुसाइड नोट लिखा गया है। हालांकि फोरेंसिक एक्सपर्ट का कहना है कि जो भी शव जलाएगा वह शरीर के ऊपरी हिस्से में ज्वलनशील पदार्थ डालेगा। यहां निचले हिस्से में पड़ा है। कुलमिलाकर अभी कई सवाल अनसुलझे हैं। जांच के बाद तथ्य स्पष्ट होंगे।

इस तरह ज्योति की हुई थी मौत, उठे थे सवाल

ज्योति एक कंसल्टेंसी कंपनी में काम करती थीं। वह 25 अक्तूबर 2021 को दफ्तर गई थीं। शाम को दफ्तर से निकलने के बाद वापस नहीं पहुंची थीं। दूसरे दिन भाभा नगर के पास रेलवे ट्रैक किनारे ज्योति का अधजला शव मिला था। शव के पास एक बैग व मोबाइल भी मिला था। एक बोतल भी मिली थी। पुलिस ने जांच के बाद ज्योति के खुदकुशी करने का दावा किया था। इस पर सवाल उठे थे, जो आज भी अनसुलझे हैं। पुलिस ने खुदकुशी तो बता दी थी, लेकिन यह बता नहीं पाई थी कि ज्योति ने ज्वलनशील पदार्थ कहां से खरीदा था। खुदकुशी की वजह त्रिकोणीय प्रेम प्रसंग बताया था, उससे संबंधित कुछ खास साक्ष्य भी नहीं थे।

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