भैयादूज पर शीतकाल के लिए भगवान केदारनाथ धाम के कपाट बंद किए जाएंगे। इससे पहले आज सुबह 11 बजे केदारनाथ में कपाट बंद करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। बाबा केदार की भोग मूर्तियों को चल उत्सव विग्रह डोली में विराजमान किया गया। इसके उपरांत विधि विधान से बाबा की डोली को मंदिर के सभामंडप में विराजमान किया गया है।
गुरुवार को कपाट बंद होने के बाद छह माह बाबा केदार की पूजा ओंकारेश्वर मंदिर में होगी। भगवान केदारनाथ के कपाट शीतकाल के लिए बृहस्पतिवार को सुबह 8:30 बजे बंद किए जाएंगे। बाबा की चल उत्सव विग्रह डोली शीतकालीन गद्दीस्थल के लिए प्रस्थान करते हुए रात्रि प्रवास के लिए रामपुर पहुंचेगी। 28 को डोली विश्वनाथ मंदिर गुप्तकाशी में विश्राम करेगी और 29 को डोली ओंकारेश्वर मंदिर में विराजमान होगी।
सोनप्रयाग होते हुए बाबा केदार की चल उत्सव विग्रह डोली अपने पहले पड़ाव रामपुर में रात्रि प्रवास करेगी। बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के ईओ रमेश चंद्र तिवारी ने बताया कि कपाट बंद करने की सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं।
19 नवंबर को बंद होंगे बदरीनाथ धाम के कपाट
बदरीनाथ धाम के कपाट मीन लग्न में 19 नवंबर को अपराह्न 3:35 बजे शीतकाल के लिए बंद किए जाएंगे। 20 नवंबर को आदि गुरु शंकराचार्य की गद्दी, कुबेर और उद्धव की उत्सव डोली धाम से अपने शीतकालीन प्रवास स्थल पांडुकेश्वर के लिए प्रस्थान करेगी।