उत्तराखंडराज्य

11 अक्तूबर को बंद होंगे हेमकुंड साहिब के कपाट, अब तक दो लाख से ज्यादा श्रद्धालु पहुंचे

सिखों के प्रमुख तीर्थ विश्व प्रसिद्ध हेमकुंड साहिब(Hemkund Sahib) के कपाट इस वर्ष 11 अक्तूबर को दोपहर एक बजे शीतकाल के लिए बंद कर दिए जाएंगे। गुरुद्वारा हेमकुंड ट्रस्ट के अध्यक्ष नरेन्द्रजीत सिंह बिंद्रा ने बताया कि हेमकुंड साहिब के कपाट इस वर्ष 20 मई को श्रदालुओं के लिए खोले गए थे। अभी तक दो लाख 27 हजार 500 श्रदालुओं ने हेमकुंड गुरुद्वारे में मत्था टेका है।

बता दें कि इस वर्ष कपाट खुलने के समय से ही हेमकुंड में भारी बर्फबारी थी। वहीं, सेना के जवानों ने बर्फ के बीच से श्रद्धालुओं के लिए रास्ता बनाया था। जिसके बाद अभी तक वहां मौसम खराब ही चल रहा है। हालांकि अब यहां बर्फ जमा नहीं है, लेकिन बारिश का दौर जारी है।

शुरू हुई हेली सेवा

नरेन्द्रजीत सिंह बिंद्रा ने बताया कि बारिश कम होने के बाद अब गोविंदघाट से घांघरिया तक एक बार फिर से हेली सेवा भी शुरू हो गई है। गुरुद्वारा कमेटी द्वारा तीर्थयात्रियों की बढ़ती संख्या को देखते हुए रुद्रप्रयाग में एक गुरुद्वारा व धर्मशाला का निमार्ण किया जा रहा है, जिससे हेमकुंड साहिब आने वाले तीर्थ यात्रियों को दिक्कत नहीं होगी।

यात्रा मार्ग पर खिले ब्रह्मकमल बने आकर्षण का केंद्र

हेमकुंड साहिब यात्रा मार्ग पर इन दिनों ब्रह्मकमल खिले हुए हैं। हेमकुंड जाने वाले यात्रियों के लिए यह फूल आकर्षण का केंद्र बने हैं। राज्य पुष्प ब्रह्मकमल 13 हजार फीट की ऊंचाई पर खिलता है। इन दिनों ब्रह्मकमल हेमकुंड साहिब यात्रा मार्ग पर अटलाकोटी से हेमकुंड साहिब तक जगह-जगह पर खिला हुआ है।

यहां आने वाले यात्री इन फूलों को देखकर उत्साहित नजर आ रहे हैं। ब्रह्मकमल खिलने का यह सबसे मुफीद समय है। जुलाई से सितंबर के बीच में खिलने वाला ब्रह्मकमल धार्मिक महत्व का पुष्प है। नंदा अष्टमी मेले के दौरान उच्च हिमालयी क्षेत्र से ब्रह्मकमल को लाकर नंदा को अर्पित किया जाता है। हेमकुंड यात्रा मार्ग पर ब्रह्मकमल के साथ अन्य प्रजाति के फूल भी खिले हुए हैं जिससे पूरे क्षेत्र की खूबसूरती और भी निखर रही है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
Verified by MonsterInsights